By नीरज कुमार दुबे | Jan 05, 2024
कश्मीर में निर्दोर्षों और मासूमों का रक्त बहाने वाले आतंकवादियों की खबरें आपने काफी पढ़ी या सुनी होंगी लेकिन आज हम आपको कश्मीर के एक ऐसे शख्स से मिलवाने जा रहे हैं जो 40 सालों से अपना रक्त देकर लोगों की जान बचाने का मिशन चला रहे हैं। देखा जाये तो कश्मीर में हमेशा से ही अद्भुत और प्रेरणादायक कहानियाँ रही हैं और ऐसी ही एक कहानी शब्बीर हुसैन खान की है। हम आपको बता दें कि शब्बीर हुसैन खान को 'कश्मीर के रक्त पुरुष' के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने पिछले 43 वर्षों में रिकॉर्ड रक्त दान करके सैंकड़ों लोगों की जान बचाई है। शब्बीर हुसैन खान ने यह नेक काम 1980 में तब शुरू किया जब उनके दोस्त की जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में एक दुर्घटना हो गयी थी। उस समय वह अपने दोस्त के लिए रक्तदान करने अस्पताल गए और तब से पिछले चार दशकों से उनकी ओर से रक्त दान जारी है।
उन्होंने न केवल सैंकड़ों बार रक्तदान किया है बल्कि पूरे केंद्र शासित प्रदेश में 1200 से अधिक रक्तदान शिविर भी आयोजित किए हैं। प्रभासाक्षी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने 40 साल पहले 1980 के आसपास श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के एसएमएचएस अस्पताल में रक्तदान की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि पहले अपने दोस्त के लिए रक्त दान करके मेरे दिल में संतुष्टि पैदा हुई उसके बाद से मैंने इस काम को जारी रखा। उन्होंने बताया कि मैं मुसीबत में फंसे लोगों को अस्पतालों में रक्त हासिल करने में जब कठिनाई महसूस होते देखता था तो मैंने अपना रक्त देते रहने का प्रण लिया। उन्होंने कहा कि मैंने सोचा कि यह मानवता के लिए किया जाने वाला सबसे अच्छा काम है। हमारा इस्लाम भी हमें यही सिखाता है। हम आपको बता दें कि शब्बीर हुसैन खान को केंद्र शासित प्रदेश का सबसे बड़ा जीवनरक्षक कहा गया है। उनका कहना है कि वह जब तक जीवित हैं तब तक अपना रक्तदान करते रहेंगे। हम आपको यह भी बता दें कि उनका ब्लड ग्रुप ओ नेगेटिव है, जो उन्हें यूनिवर्सल डोनर बनाता है। उनका कहना है कि जीवन बचाना उनके जीवन का मिशन है और यही सबसे अच्छी संतुष्टि भी है।