By रेनू तिवारी | Aug 10, 2023
दिल्ली सेवा विधेयक की जांच के लिए सोमवार को उच्च सदन में राघव चड्ढा द्वारा एक चयन समिति का प्रस्ताव रखा गया था। चार सांसदों, सस्मित पात्रा (बीजू जनता दल), एस फांगनोन कोन्याक (भाजपा), एम थंबीदुरई (एआईएडीएमके) और नरहरि अमीन (भाजपा) ने आरोप लगाया है कि राघव चड्ढा ने उनकी सहमति के बिना प्रस्तावित चयन समिति में उनका नाम शामिल किया है। आप पार्टी सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि भाजपा सरकार आप नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा सदस्यता खत्म करना चाहती है, जैसे उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ किया था। उनका यह बयान बीजेपी द्वारा राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक से जुड़े प्रस्ताव में पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर करने का राघव चड्ढा पर आरोप लगाने के बाद आया है।
संजय सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा गृह मंत्री अमित शाह को पता होना चाहिए कि नाम प्रस्तावित करने के लिए किसी हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है। पार्टी राहुल गांधी की तरह राघव चड्ढा की सदस्यता समाप्त करने की कोशिश कर रही है। भाजपा का मंत्र एक झूठ को 1,000 बार बोलना है ताकि वह सच जैसा लगे। भाजपा ने यह झूठी कहानी फैलाई कि हस्ताक्षर जाली थे।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सोमवार को कम से कम चार सांसदों की शिकायतों की जांच की घोषणा की कि उनके नाम उनकी सहमति के बिना प्रस्तावित चयन समिति में शामिल किए गए थे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को चड्ढा द्वारा सांसदों की सहमति के बिना उन्हें हाउस पैनल में नामित करने के लिए सांसदों के विशेषाधिकार के उल्लंघन की शिकायतों से संबंधित मामला विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया।
आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने पहले आरोप लगाया था कि भाजपा चड्ढा के खिलाफ “झूठा मामला बना रही है”। आप की वरिष्ठ नेता आतिशी ने यह भी दावा किया कि भाजपा द्वारा चड्ढा पर जालसाजी का आरोप लगाना "उनकी संसद सदस्यता छीनने का एक प्रयास है"। संजय सिंह ने राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक पारित होने को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ''केंद्र की तानाशाही सरकार ने विधेयक पारित किया।'' विधेयक पेश करने वाले अमित शाह ने कहा कि दिल्ली सेवा विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन नहीं करता है।