By प्रेस विज्ञप्ति | Sep 10, 2024
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उनके द्वारा माननीय राष्ट्रपति को 30 अगस्त को दिए गए ज्ञापन में उठाये गए मुद्दों पर केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि हमने ज्ञापन में छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन न होने, दिल्ली की पंगु हो चुकी प्रशासनिक व्यवस्था, सीएजी की 11 रिपोर्ट्स को सदन में न रखने और केंद्र सरकार की योजनाओं को जानबूझकर दिल्ली में लागू न करने के मुद्दों को उठाया था, जिनका जवाब केजरीवाल सरकार को देना है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन न कर संविधान का उल्लंघन किया हा है। जिसके चलते दिल्ली नगर निगम की वित्तीय स्थिति अव्यवस्थित हो चुकी है। आप सरकार ने पिछले 5 महीने से विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया है। जबकि नियमानुसार पिछले सत्र के बाद 6 महीने के अंदर सत्र बुलाना अनिवार्य है। लेकिन इससे से पहले सत्र बुलाया गया तो उसमें प्रश्न काल नहीं रखा गया।
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। यहां की प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। दिल्ली के 2 करोड़ लोगों की समस्याओं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। अराजकता का माहौल है। मानसून की बारिश में राजधानी में 50 लोगों की मौत हो गई। जगह-जगह जल भराव हो रहा है जिस कारण भयंकर ट्रैफिक जाम हो रहा है और लोगों की मौत हो रही है। सड़कें टूटी हुई हैं जिस कारण आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोगों की जान जा रही है। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि उनके नेतृत्व में दिल्ली भाजपा विधायकों ने दिल्ली सरकार द्वारा संवैधानिक नियमों का लगातार उल्लंघन किए जाने के कारण दिल्ली में उत्पन्न संवैधानिक संकट को लेकर 30 अगस्त 2024 को माननीय राष्ट्रपति से भेंट की थी और उन्हें ज्ञापन देकर दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग की थी। हमें खुशी है की राष्ट्रपति महोदया ने उस ज्ञापन पर संज्ञान लेते हुए गृह सचिव,गृह मंत्रालय को इस पर संज्ञान लेने के लिए कहा है।
गुप्ता ने कहा कि शराब घोटाले के संबंध में मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल में हैं और वह जेल से ही सरकार चलाने पर अड़े हुए हैं। पिछले 5 महीने से कोई फाइल साइन नहीं हुई है और न ही कैबिनेट की कोई मीटिंग हुई है। यह सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है। दिल्ली के अस्पतालों के निर्माण में हजारों करोड़ रुपये का भारी भ्रष्टाचार हुआ है। दिल्ली जल बोर्ड 73,000 करोड़ रुपए के कर्ज़ में डूबा हुआ है। दिल्ली स्किल एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (DSEU) में एक हजार करोड़ रुपये का भारी भ्रष्टाचार हुआ है। साढ़े तीन लाख रुपये के वेतन पर अपने चहेतों की राजनीतिक नियुक्तियां कर दी गईं । तीन-तीन नए विश्वविद्यालय खोलकर हजारों करोड़ रुपये इधर से उधर कर दिये गए। और अब इन यूनिवर्सिटीज में छात्रों की संख्या घटने के कारण इसके कैपसों में अनेक कोर्स बंद कर दिए गए। दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों को दिल्ली सरकार फंड ही नहीं दे रही है जिसकी वजह से वहां के टीचर्स को सैलरी नहीं मिल पा रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी के पास लंबे समय से सीएजी की 11 रिपोर्ट्स रखी हुई हैं जिन्हें सदन पटल पर रख जाना जरूरी है। ऐसा न करके सरकार द्वारा संवैधानिक नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार की 'प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना' को जान बूझ कर दिल्ली में लागू नहीं किया जिस कारण 5 लाख तक के फ्री इलाज की सुविधा दिल्ली के 2 करोड़ को नहीं मिल पाई। इसके अलावा केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को 'PM-ABHIM' योजना के अंतर्गत 2406 करोड़ रुपये दिए। इस राशि से आधुनिक लैब्स और ICU बनाई जानी थी, लेकिन दिल्ली सरकार ने इस योजना को लागू ही नहीं किया। इसी तरह केंद्र सरकार के फ्री सॉफ्टवेयर हॉस्पिटल इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (HIMS) को लागू न करके अपना ही सॉफ्टवेयर बनाने के लिए एक निजी कंपनी को 250 करोड़ रुपये का ठेका दे दिया।
गुप्ता ने कहा कि यह सरकार बार बार संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करती आ रही है, जिसने सभी मर्यादाओं को तार तार कर दिया है। इन सब संवैधानिक नियमों के उल्लंघन के कारण आम आदमी पार्टी सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं बचा है। इसलिए राष्ट्रपति से हमने अनुरोध किया है कि वह इस सरकार को तुरंत बर्खास्त करें।