महाराष्ट्र में हालिया हनुमान चालीसा विवाद के बाद अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे अयोध्या आने वाले हैं जिसको लेकर महाराष्ट्र की सियासत तो तेज है ही अब यूपी में भी इसको लेकर राजनीति गर्मा गयी है। राज ठाकरे के पांच जून को अयोध्या के प्रस्तावित दौरे के विरोध में कैसरगंज से भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह ने ताल ठोंक दी है तो अयोध्या के भाजपा सांसद लल्लू सिंह ने कहा है कि वह राज ठाकरे का स्वागत करेंगे। भाजपा के दो सांसदों के विरोधाभासी बयानों के चलते महाराष्ट्र के राजनीतिक दलों को राज ठाकरे को घेरने का बहाना भी मिल गया है।
दरअसल राज ठाकरे का विरोध इसलिए किया जा रहा है क्योंकि उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना पर आरोप है कि उसने महाराष्ट्र में कई बार उत्तर भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की है। इसीलिए मंगलवार को सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह ने राज ठाकरे के प्रस्तावित अयोध्या दौरे के विरोध में लोगों को एकजुट करने के उद्देश्य से विश्नोहरपुर स्थित अपने पैतृक आवास से नंदिनी नगर महाविद्यालय तक शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने विशाल काफिले के साथ रोड शो किया और राज ठाकरे से अयोध्या आने से पहले उत्तर भारतीयों से माफी मांगने की मांग की।
वहीं अयोध्या के भाजपा सांसद लल्लू सिंह ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह राज ठाकरे का अयोध्या में स्वागत करेंगे और उनकी मेजबानी भी करेंगे। लल्लू सिंह ने कहा है कि जो भी व्यक्ति भगवान राम की शरण में आना चाहता है, उसका हमेशा स्वागत है। लल्लू सिंह ने कहा "राज ठाकरे को भगवान हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। अब वह भगवान राम की शरण में आना चाहते हैं क्योंकि हम भगवान राम के भक्तों के सेवक हैं इसलिए हम उनका स्वागत करेंगे।"
अब देखना होगा कि अपनी ही पार्टी के सांसद के इस बयान के बाद ब्रजभूषण शरण सिंह क्या करते हैं? सवाल यह भी है कि आगामी पांच जून को राज ठाकरे अयोध्या स्थित राम जन्म भूमि में पूजा करने पहुंचेंगे तो क्या उनके कार्यक्रम में बाधा पहुँचाई जायेगी? हम आपको बता दें कि छह बार के सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के विरोध को हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि उनके साथ बड़ा जनसमर्थन है। यही नहीं जिस तरह से मंगलवार को उनके रोड शो के दौरान प्रमुख संतों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई वह प्रशासन के लिये चिंता का विषय होना चाहिए। ब्रजभूषण शरण सिंह सिर्फ राज ठाकरे के अयोध्या आगमन के विरोध तक ही खुद को सीमित नहीं रखे हुए हैं, उन्होंने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अनुरोध किया है कि जब तक राज ठाकरे सार्वजनिक रूप से उत्तर भारतीयों से माफी नहीं मांग लेते, तब तक मुख्यमंत्री को राज ठाकरे से नहीं मिलना चाहिए। राम मंदिर आंदोलन का जिक्र करते हुए सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि राम मंदिर आंदोलन से लेकर मंदिर निर्माण तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और आमजन की ही भूमिका रही है, ठाकरे परिवार का इससे कोई लेना देना नहीं है।
उधर, राज ठाकरे के पांच जून को प्रस्तावित अयोध्या दौरे के बाद शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी 10 जून को राम नगरी जाने का ऐलान किया है। आदित्य ठाकरे ने कहा है कि वह महाराष्ट्र में ‘राम राज्य’ लाने के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगने के उद्देश्य से अयोध्या जायेंगे। आदित्य ठाकरे ने कहा कि शिवसेना के कार्यकर्ता राजनीति की खातिर अयोध्या नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ''अयोध्या हमारी ताकत एवं समर्पण का स्रोत है। हम आशीर्वाद मांगने जा रहे हैं।''
हम आपको बता दें कि हाल ही में पवार परिवार से भी एक नेता अयोध्या होकर आये हैं और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले भी अयोध्या जाने का कार्यक्रम बना रहे हैं। तो इस तरह महाराष्ट्र की सियासत में सबसे बड़ा हिंदूवादी और सबसे बड़ा राम और हनुमान भक्त बनने की जो होड़ मची हुई है वह दर्शा रही है कि हर पार्टी का प्रयास है कि बहुसंख्यकों के वोटों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपनी ओर कैसे आकर्षित किया जाये।