By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 24, 2024
कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जगन्नाथ सरकार ने रविवार को आरोप लगाया कि उनके वाहन पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ताओं ने उस समय हमला किया जब वह पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में एक धार्मिक समारोह में भाग लेने जा रहे थे। राणाघाट के सांसद जगन्नाथ ने दावा किया कि चकदाहा इलाके में हुई घटना के दौरान उनके सुरक्षा गार्डों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें बचाया। जगन्नाथ को भाजपा ने लोकसभा चुनाव में फिर से राणाघाट से उम्मीदवार बनाया है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग इलाके में टीएमसी कार्यकर्ताओं के हमले में भाजपा के दो कार्यकर्ता घायल हो गए। हालांकि, राज्य में सत्तारूढ़ दल टीएमसी ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि हिंसक घटनाएं भाजपा के भीतर ‘‘गुटीय लड़ाई’’ का परिणाम थीं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि चकदाहा इलाके में भाजपा और टीएमसी के कुछ समर्थकों के बीच मामूली झड़प हुई, लेकिन किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। जगन्नाथ सरकार ने आरोप लगाया कि टीएमसी समर्थित गुंडे इलाके के लोगों में डर पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए पुलिस की आलोचना की।
शुभेंदु ने दावा किया कि कैनिंग में टीएमसी के स्थानीय नेता हुसैन शेख द्वारा कथित तौर पर किए गए हमले में भाजपा के दो कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनकी पहचान बिवास मंडल और सुब्रत दास के रूप में हुई है। शुभेंदु ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल की राजनीति में हिंसा की वापसी हो चुकी है। कैनिंग पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं पर टीएमसी के गुंडों द्वारा बेरहमी से हमला किया गया। कैनिंग पूर्वी सीट के विधायक शौकत मुल्ला के करीबी सहयोगी हुसैन शेख ने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया है, जो संदेशखालि के शाहजहां शेख की तरह ही कुख्यात हैं।’’
शुभेंदु ने कहा, ‘‘हमारे कुछ कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें कैनिंग पूर्वी मंडल संख्या तीन के सचिव और मंडल अध्यक्ष क्रमश: बिवास मंडल और सुब्रत दास शामिल हैं। उन्हें इलाज के लिए कैनिंग मंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’’ आरोपों को खारिज करते हुए टीएमसी के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने दावा किया कि भाजपा के भीतर गुटीय लड़ाई के कारण ये घटनाएं हुईं। घोष ने कहा, ‘‘जगन्नाथ सरकार राणाघाट की घटना के बारे में जो कह रहे हैं, वह और कुछ नहीं बल्कि भाजपा द्वारा टीएमसी पर इसका दोष मढ़ने का एक हताश प्रयास है। पहले उन्हें अपनी पार्टी के भीतर के झगड़े को निपटाना चाहिए। टीएमसी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमला करने में विश्वास नहीं करती है।