By दिनेश शुक्ल | May 28, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक ट्विट के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। दिग्विजय सिंह ने ट्विट कर हिमाचल प्रदेश में पीपीई किट घोटाले को लेकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के इस्तीफे का हवाला देकर लिखा है कि 'क्या वीडी शर्मा यह साहस शिवराज और उनके परिवारजनों के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार पर दिखाएंगे?' जिसके बाद बाद राज्य की राजनीति एक बार फिर गरमा गई। दिग्विजय के ट्विट पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी.डी.शर्मा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 'अनर्गल आरोप लगाना दिग्विजय सिंह की पुरानी आदत है। जनता को अभी भी याद है। उनके मुख्यमंत्री रहते हुए किस तरह प्रदेश में भ्रष्टाचार हुआ और प्रदेश बीमारू राज्य बनता चला गया।'
वही भाजपा कार्यालय पहुँचे भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक रामेश्वर शर्मा ने दिग्विजय सिंह के ट्विट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारी सरकार आपकी पार्टी के 15 महिनें के कार्यकाल की जाँच तो कर ले, कमलनाथ सरकार ने जो भ्रष्ट्राचार किए है उसकी जाँच कर ले, छिंदवाड़ा का 800 करोड़ का अस्पताल बनना था वह 1400 करोड़ कैसे पहुँचा उसकी जाँच तो कर ले। उन सब जाँचों पर कार्यवाही तो कर ले। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि राजा तुम्हारे 15 महिनें के पाप तो निकाल लेने दो। पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार द्वारा आप पर लगाए गए आरोपों की जाँच तो कर लें फिर देखते हैं। उसमें कौन-कौन इस्तीफा देगा मेडम देंगी, भैया देगा, लल्ला देगा या मुन्ना देगा, राजा देगा।
तो दूसरी ओर भाजपा मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र परासर ने तो दिग्विजय सिंह को निर्लज्ज व्यक्ति तक कह दिया। उन्होनें ट्विट करते हुए लिखा कि- आप जैसा निर्लज्ज व्यक्ति नहीं देखा @digvijaya_28 जी! आपके ऊपर आप की ही सरकार के ही मंत्री ने रेत और शराब माफिया होने का आरोप लगाया,आपने क्या प्रायश्चित किया? शिवराज जी के कारण प्रदेशवासी कोरोना से बचे।आप होते तो सिर्फ कोहराम होता। @ChouhanShivraj जी की बेदाग छवि पर हमें गर्व है।
मध्य प्रदेश की सियासत में विवादास्पद बयानों के लिए पहचाने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के इस ट्विट ने जहाँ प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप की बयानबाजी तेज कर दी है। वही आगामी विधानसभा के उपचुनाव को लेकर भी राज्य की राजनीति में नेताओं को एक मुद्दा मिल गया है। वही शिवराज सरकार को भ्रष्ट्राचार के मुद्दे पर घेरने वाले कांग्रेसी नेताओं ने चुप्पी साध ली है। जबकि भाजपा नेताओं के तेवर तीखे हो गए है।