By अभिनय आकाश | Feb 29, 2024
भले ही सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश में अपनी सरकार बचाने में कामयाब रहे हैं, लेकिन राज्यसभा में करारी हार के बाद राज्य में रॉयल रम्बल' ने कांग्रेस आलाकमान को सदमे में डाल दिया है। सूत्रों के मुताबिक, यह पूर्व कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ही थे, जो उत्तर भारत में कांग्रेस की एकमात्र सरकार को गिराने की कोशिश में विपक्षी भाजपा की डोर को अपने हाथों में थाम रखा था। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पटियाला के शाही परिवार के सदस्य कैप्टन अमरिंदर सिंह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में संघर्ष के केंद्र बिन्दु एक अन्य शाही परिवार से जुड़े विक्रमादित्य से संपर्क में थे।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और मौजूदा कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपनी ही सरकार के हाथों अपमान का हवाला देते हुए इस्तीफा देने की धमकी दी। संयोग से वीरभद्र सिंह की पांच बेटियों में से एक की शादी कैप्टन अमरिंदर सिंह के पोते से हुई है। अपराजिता सिंह की शादी कैप्टन अमरिन्दर सिंह की बेटी जय इंदर कौर के बेटे अंगद सिंह से हुई है। सूत्रों के मुताबिक, हिमाचल राजघरानों के साथ उनके संबंधों के कारण कैप्टन अमरिन्दर सिंह को पूरे प्रकरण की 'देखभाल' करने का काम सौंपा गया था।
विशेष रूप से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी में चार दशक से अधिक समय के बाद 2021 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। अगले वर्ष उन्होंने अपनी पार्टी, पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) लॉन्च की, और बाद में भगवा पक्ष में शामिल होने से पहले इसका भाजपा में विलय कर दिया। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री होने और हिमाचल राजघरानों के साथ संबंध होने के कारण वह इस पद के लिए पार्टी (भाजपा) के लिए एक आदर्श विकल्प बन गए। सूत्रों ने कहा कि अमरिंदर सिंह ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान करने वाले छह कांग्रेस विधायकों को बार-बार हेलिकॉप्टर दौड़ाने में मदद की, जिससे पार्टी उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई। कांग्रेस के छह विधायक, जिन्हें अब विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है, मतदान के दिन तीन निर्दलीय विधायकों के साथ हरियाणा ले जाया गया, जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट दिया था।