By अंकित सिंह | Aug 10, 2021
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है पार्टियां अपनी राजनीति को और मजबूत करने की कोशिश में जुट रही हैं। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर विपक्ष लगातार ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगा रहा है। इन सबके बीच भगवा पार्टी की ओर से राज्य के 16 फ़ीसदी ब्राह्मणों को साधने की कोशिश तेज कर दी गई है। भाजपा यह सब काम तक कर रही है जब विपक्ष ब्राह्मणों को भाजपा के खिलाफ एकजुट करने कोशिश में जुटा है। भाजपा का यह कदम बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन मुहिम को बेअसर करने की कोशिश है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में देखें तो भाजपा 19 जिलों में से 9 में ब्राह्मण महिलाओं को जिलाध्यक्ष बनाया है। सियासी जानकारों की माने तो इससे बीएसपी को करारा झटका लग सकता है।
बीएसपी के ब्राह्मण प्रेम को देखते हुए भाजपा रणनीतिक तौर पर आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी की महिला मोर्चा के अध्यक्ष वर्षा कौशिक को मेरठ की जिम्मेदारी दी गई है। जिला अध्यक्षों की सूची की बात करें तो गीता शर्मा मेरठ महानगर, गाजियाबाद से आरती मिश्रा, गाजियाबाद महानगर से पूनम कौशिक, नोएडा महानगर से शारदा चतुर्वेदी हैं। वही शशि शर्मा को बुलंदशहर, विजयलक्ष्मी को मुरादाबाद महानगर, उषा शर्मा को अमरोहा, मोनिका शर्मा यादव को बिजनौर और आरती शर्मा को सहारनपुर महानगर की जिम्मेदारी दी गई है। यह सभी ब्राह्मण हैं।
बसपा अपने 2007 के फार्मूले के तहत पर ब्राह्मण और मुस्लिम समीकरणों को एक साथ करने की कोशिश में है। इसके लिए बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने यह ऐलान भी कर दिया है कि वह ब्राह्मण सम्मेलन का अलग-अलग जगहों पर आयोजन करेंगे। वह लगातार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। जहां वह आगरा और मुरादाबाद का दौरा कर चुके हैं। दूसरी और जनेश्वर मिश्रा की याद में सपा साइकिल यात्रा निकाल रही है। कांग्रेस और आरएलडी भी ब्राह्मणों को साधने की कोशिश में है।