Satara क्षेत्र में मजबूत हुई बीजेपी, विधानसभा चुनाव में बढ़ेगी विपक्षी 'Maha Vikas Aghadi' की मुश्किलें

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 05, 2024

सतारा संसदीय क्षेत्र महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। जिस पर हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उदयराजे भोसले ने एनसीपी के 20 साल के दबदबे को खत्म करते हुए जीत हासिल की थी। यह महाराष्ट्र के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। जिला मुख्यालय होने के चलते सभी बड़े प्रशा‍सनिक दफ्तर यहीं पर हैं। मराठा शासनकाल के समय शिवाजी महाराज का यहां महत्वपूर्ण किला था। मराठाओं के लिए यह महत्वपूर्ण स्थान था। यहां के प्रमुख स्थलों में वाई, कराड, कोयनानगर, रहमतपुर, फलटन, महाबलेश्वर और पंचगनी हैं। इस क्षेत्र से पुणे, रायगढ़, सोलापुर और रत्नागिरि जिले की सीमाएं जुड़ती हैं। भांबवली वजराई वाटरफॉल यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का बखान करता है।


लोक सभा क्षेत्र सतारा पूरी तरह से महाराष्ट्र के सतारा जिले के अंतर्गत ही आता है। जो वाई, कोरेगांव, कराड नॉर्थ, कराड साउथ, पाटन और सतारा विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया है। जिसमें से 2019 के चुनाव में दो-दो सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना ने जीत हासिल की थी। इसके अलावा एक-एक सीट भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के खाते में भी गई थी। इस लोक सभा क्षेत्र की वाई विधानसभा सीट पर 1951 लेकर अब तक सिर्फ चार विधायक ही चुने गए हैं। इस क्षेत्र के मतदाता अपने प्रत्येक प्रतिनिधि पर लंबे समय तक के लिए भरोसा जताने में विश्वास रखते हैं। 


वर्तमान में अजित पवार के गुट वाली एनसीपी के मकरंद जाधव पाटिल यहां से विधायक हैं, जो 10 साल से एनसीपी और एक बार निर्दलीय विधायक भी रहे हैं। उनके पहले मदनराव पिसल ने इस क्षेत्र का लगातार पांच बार प्रतिनिधित्व किया है। सतारा लोक सभा क्षेत्र के कोरेगांव विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का भी स्वभाव किसी एक उम्मीदवार पर लंबे समय तक भरोसा जताने का रहा है। जिसके तहत इस क्षेत्र में कांग्रेस के शंकरराव चीमाजी जगतप 1978 से लेकर 1995 तक लगातार पांच बार विधायक चुने गए थे। तो वहीं, 2009 से 2014 तक एनसीपी के शशिकांत जयंत राव शिंदे ने भी यहां 10 साल तक राज किया है, लेकिन 2019 के चुनाव में शिवसेना के महेश शिंदे ने उनके राज को खत्म करते हुए जीत दर्ज की थी। 


सातारा लोकसभा क्षेत्र की नॉर्थ कराड विधानसभा सीट पूरे महाराष्ट्र में एनसीपी के दिग्गज नेता शामराव पांडुरंग पाटिल के कारण भी जानी जाती है। जो इस क्षेत्र का 1999 से लगातार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कुछ समय पहले एनसीपी में दोफाड़ होने के बाद उन्होंने शरद पवार के गुट में जाने का फैसला किया था। 1962 में महाराष्ट्र राज्य के गठन के साथ ही अस्तित्व में आए कराड साउथ विधानसभा क्षेत्र में अब तक कांग्रेस अपराजित ही रही है। पार्टी का यहां लगातार 65 साल से कब्जा बना हुआ है। फिलहाल राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण इस क्षेत्र की जनता की आवाज राज्य की विधानसभा में पहुंचा रहे हैं। उनके पहले पाठ उन्हीं की पार्टी के विलासराव बालकृष्ण पाटिल भी लगातार सात बार विधायक चुने गए थे।


महाराष्ट्र की सतारा लोकसभा क्षेत्र के पाटन विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने अब तक भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर राज्य के सभी तीन प्रमुख दलों पर भरोसा जताया है। इन सभी पार्टियों में से कांग्रेस ने यहां सबसे ज्यादा बार जीत दर्ज की है लेकिन पार्टी 1995 के चुनाव के बाद से यहां वापसी करने में असफल की रही है। फिलहाल पाटन से शिवसेना के शंभूराज देसाई लगातार दो बार से विधायक चुने जा रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य की विधानसभा में 262 नंबर से जाने जानीवाली सातारा विधानसभा सीट 1962 के चुनाव से ही अस्तित्व में आ गई थी। इसके बाद से यहां शिवसेना अपना खाता खोलने में नाकामयाब ही रही है, फिलहाल बीजेपी के नेता और पूर्व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्य रहे शिवेंद्रसिंह अभयसिंह भोंसले यहां से लगातार 20 साल से विधायक बने हुए हैं।

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