ममता सरकार पर BJP का वार, सुधांशु त्रिवेदी बोले- सजा दिलाने की बजाए दोषियों को बचाने में लगी हैं CM

By अंकित सिंह | Aug 28, 2024

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में 'नबन्ना अभिजन' मार्च के दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ क्रूर पुलिस कार्रवाई के प्रतिशोध में आज 12 घंटे के "बांग्ला बंद" का आह्वान किया है। बंद शाम 6 बजे खत्म होगा। भाजपा ममता सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आज एक बार फिर से ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जांच को भटकाने, आरोपी को बचाने, सबूतों को मिटाने के बाद अब पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों को धमकाने की एक नई रणनीति दिखाई पड़ रही है। आपने इससे पहले कोई ऐसा बंद नहीं देखा होगा, जहां एक तरफ बंद का आह्वान किया जाए और दूसरी तरफ सत्ताधारी दल के नेता जाकर दुकानों को खुलवाने के प्रयास करें।

 

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भाजपा नेता ने कहा कि इसके बाद मुख्यमंत्री आकर प्रेस को संबोधित करती हैं। वो कह रही हैं कि मैं नहीं चाहती कि FIR हो, ताकि करियर न बर्बाद हो, पासपोर्ट और वीजा मिलने में समस्या न हो। उन्होंने कहा कि भाजपा स्पष्ट रूप से कहना चाहती है कि शब्दों के हेर-फेर के साथ ममता बनर्जी ने सीधे डॉक्टरों को धमकाने का काम किया है और एक प्रकार से उनके करियर पर प्रश्नचिन्ह लगाने का काम शब्दों के मायाजाल से किया गया है।


उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता जी से कहना चाहता हूं कि महोदया इस पीड़िता के साथ न्याय का विषय चुनाव का विषय नहीं है। ये सबूतों के आधार पर कानून की अदालत में साबित होकर दोषियों को सजा दिलाने का विषय है। जिसकी सत्ता होगी, न्याय उसी के पक्ष में होगा! यह सोच संविधान के लिए सबसे खतरनाक सोच है। टीएमसी पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि वे कह रहे हैं, 'आओ चुनाव कराएं।' लेकिन मेरा कहना यह है कि पीड़ित को न्याय दिलाना वोट जीतने के बारे में नहीं है, यह अदालत में सबूतों के आधार पर दोषियों को दोषी ठहराने के बारे में है।

 

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उन्होंन सवाल किया कि संविधान कैसे ख़तरे में पड़ सकता है? उदाहरण के लिए पश्चिम बंगाल से कहीं आगे न देखें! उन्होंने कहा कि मैं दुःख के साथ कहना चाहता हूं कि ये वही ममता जी हैं, जिन्होंने रेप के विरुद्ध बड़ा आंदोलन और संघर्ष किया था। ममता बनर्जी जी जब अटल जी की सरकार के समय हमारे साथ थी, तो उन्होंने स्वयं ये बताया था कि पश्चिम बंगाल में कम्युनिस्ट सरकार की पुलिस ने उनके ऊपर इतने आघात किए थे कि उन्हें मृत समझकर वो उन्हें छोड़ गए थे। मैं पूछना चाहता हूं कि ममता जी आज आपकी संवेदना इतनी मृत हो गई कि आप सजा दिलाने की बजाए दोषियों को बचाने में लगी हैं।

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