Bihar: चिराग पासवान की पार्टी में बगावत, कई नेताओं ने दिया इस्तीफा, टिकट बेचने का लगाया आरोप

By अंकित सिंह | Apr 03, 2024

सत्तारूढ़ एनडीए में शामिल चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को बुधवार को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ा झटका लगा। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पूर्व राज्य मंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेनू कुशवाहा, पूर्व विधायक और राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुमार, उपाध्यक्ष संजय सिंह और संगठन सचिव रवींद्र सिंह ने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को अपना इस्तीफा भेज दिया और शीर्ष नेतृत्व पर लोकसभा चुनाव में टिकट बेचने का आरोप लगाया।

 

इसे भी पढ़ें: Jamui Lok Sabha Seat: बिहार में जमुई से प्रचार की शुरुआत करेंगे PM Modi, चिराग के जीजा हैं कैंडिडेट, NDA का रहा है दबदबा


मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नेताओं ने आरोप लगाया कि शांभवी चौधरी (समस्तीपुर), रेजेश वर्मा (खगड़िया) और वीणा देवी (वैशाली) को करोड़ों रुपये लेकर आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का टिकट आवंटित किया गया है। उन्होंने दावा किया कि इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय करने से पहले पार्टी के किसी भी वरिष्ठ नेता को विश्वास में नहीं लिया गया। लोक जनशक्ति पार्टी से इस्तीफे पर पूर्व सांसद रेनू कुशवाहा ने कहा कि जब सीट दी गई तो बाहर के लोगों के बजाय पार्टी कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाना चाहिए। हमारी भक्ति पर सवाल उठाया गया और हम यहां मजदूर के रूप में सेवा करने के लिए नहीं हैं।


रवींद्र सिंह ने कहा कि चिराग पासवान ने बिहार की जनता के साथ इमोशनल गेम खेला है। जब हमारी मेहनत से उन्हें पांच सीटें मिलीं तो उन्होंने वो सारे टिकट बेच दिए। बिहार की जनता उन्हें जवाब देगी। सतीश कुमार ने कहा कि हम उनमें (चिराग पासवान) बहुत संभावनाएं देख सकते हैं। हमने सोचा था कि हम बिहार का भविष्य बदल देंगे। जो टिकट दिया जा रहा है उससे पार्टी के सभी कार्यकर्ता हैरान हैं। टिकट दिया गया है ऐसे लोग जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों के बीच हुए सीट बंटवारे के समझौते के तहत चिराग की एलजेपी को पांच सीटें- हाजीपुर, वैशाली, खगड़िया, समस्तीपुर और जमुई दी गई हैं। चिराग जहां हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं उनके बहनोई अरुण भारती को पार्टी ने जमुई से मैदान में उतारा है। 

 

इसे भी पढ़ें: Bihar के पूर्व उप मुख्यमंत्री Sushil Kumar Modi ने कैंसर से पीड़ित होने की जानकारी दी


राज्य के मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी की बेटी सांभवी चौधरी चुनावी राजनीति में पदार्पण कर रही हैं। अयोध्या राम मंदिर मामले में हस्तक्षेपकर्ता बनकर लोकप्रियता हासिल करने वाले आचार्य किशोर कुणाल की बहू होने के नाते शांभवी को भूमिहारों और ब्राह्मणों का भी समर्थन मिलने की संभावना है। दलित वोटों का बड़ा हिस्सा पहले से ही उनके साथ है क्योंकि वह अनुसूचित जाति पासी समुदाय से हैं। दूसरी ओर, वीणा देवी वैशाली सीट से फिर से चुनाव की मांग कर रही हैं, जिसे उन्होंने 2019 में दिवंगत राम विलास पासवान के नेतृत्व वाली अविभाजित एलजेपी के हिस्से के रूप में जीता था। शुरुआत में वह चिराग के चाचा और कट्टर विरोधी पशुपति कुमार पारस के साथ गई थीं, लेकिन बाद में उन्होंने चिराग के प्रति अपनी वफादारी दिखाई, जिसका आखिरकार उन्हें फल मिला।

प्रमुख खबरें

Khatu Shyam Ji: महाभारत के बर्बरीक कैसे बने कलियुग के खाटू श्याम, जानिए इससे जुड़ी रोचक कथा

कुंभ से बड़ा है गंगासागर मेला, मिले राष्ट्रीय मेला का दर्जा, ममता बनर्जी ने केंद्र से की मांग

Kashmir में आतंकियों को सबक सिखाने के बाद अब दिल्ली में दिखेगा खाकी का दम, इस तेज तर्रार IPS को मोदी सरकार ने दी ये बड़ी जिम्मेदारी

Fateh Movie Review | सोनू सूद की फतेह: एक्शन, इमोशन और ड्रामा का परफेक्ट मेल!