By अंकित सिंह | Apr 17, 2023
बिहार में राजनीतिक जबरदस्त तरीके से जारी है। इन सबके बीच पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को लेकर सियासी सरगर्मियां भी खूब हो रही है। हाल में ही जीतन राम मांझी ने अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात को लेकर अलग अलग मायने निकाले जा रहे थे। लेकिन जीतन राम मांझी ने साफ तौर पर कह दिया कि अमित शाह से उनकी मुलाकात सामान्य मुलाकात थी। इसके साथ ही उन्होंने की तमाम अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि वह नीतीश कुमार को कभी नहीं छोड़ सकते। हालांकि, जीतन राम मांझी का एक बयान खूब चर्चा का केंद्र बन गया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि जब सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खिलाफ अनशन कर सकते हैं तो हम नीतीश कुमार के खिलाफ क्यों नहीं कर सकते।
इतना ही नहीं जीतन राम मांझी ने यह भी कहा है कि उनके ऊपर बहुत प्रेशर है। उन्होंने कहा कि हम गठबंधन में हैं, दबाव हम पर हमेशा रहता है। चाहे इस गठबंधन में रहे या उसमें। स्पष्टता ही हमारी कमजोरी है। यही कारण है कि मैं बार-बार कहता हूं कि दबाव इस कदर कि मेरे साथ चले आइए मेरे साथ चले आइए हो रहा है। इसके साथ ही जीतन राम मांझी ने साफ तौर पर कहा कि हम लोगों को निर्णय लेना होगा। अब फैसले की घड़ी आ चुकी है कि आगे हम लोगों को क्या करना है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि हमारा एक-एक वोटर चाहता है कि हम किसी के साथ विलय ना करें और यह हम नहीं करने वाले।
अमित शाह से मुलाकात को लेकर उन्होंने यह भी कहा कि अमित शाह से मिले तो क्या उन्हें नाराज कर दे। हमको सब से काम पड़ता है। हालांकि, खुद को संभालते हुए जीतन राम मांझी ने दशरथ मांझी के लिए भारत रत्न की भी बात कर दी। उन्होंने कहा कि मैंने दशरथ मांझी को भारत रत्न की उपाधि देने के लिए कहा है। इस पर हम ने अमित शाह से बात की। उन्होंने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे।