By अंकित सिंह | Jun 12, 2023
बिहार में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है। यह बैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेजबानी में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में लगभग सभी विपक्षी दलों के प्रमुख इसमें शामिल होंगे। भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार लगातार विपक्षी एकता की कवायद में जुटे हुए हैं। इसे नीतीश की महत्वाकांक्षा से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। इस बात की चर्चा तेज है कि नीतीश प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर खुद को मजबत करना चाहते हैं। इसको लेकर राजनीति भी जारी है।
जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नहीं हैं, वे भाजपा मुक्त देश के निर्माण के लिए आगे बढ़े हैं और विपक्षी एकता को एक करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि जब देश भाजपा मुक्त हो जाएगी तो सभी पार्टी बैठकर तय करेंगे कि देश का मुखिया कौन होगा। नीतीश कुमार भी कई बाद खुद इस बात से इनकार कर चुके है। राजद के तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि ना हमें सीएम बनना है ना नीतीश को पीएम बनना है।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ललन सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बारात निकल गई तब लड़की का चेहरा देखकर तय करेंगे कि दूल्हा कौन होगा? उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जनता जानना चाहेगी कि नरेंद्र मोदी का मुकाबला कौन करेगा, अगर हिम्मत है तो नाम तय कीजिए। इनका जो सम्मेलन हो रहा है उसमें KCR, नवीन पट्नायक, मायावती, एचडी कुमारस्वामी नहीं आ रहे हैं जो आ रहे हैं उनमें आपस में झगड़ा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हाथ मिलाने से दिल नहीं मिलते हैं।
बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ हुआ है। ललन बाबू उन्हें प्रधानमंत्री बनाने का सपना दिखाकर महागठबंधन में ले गए और अब उनका सपना भी तोड़ दिए, यह बहुत गलत हुआ नीतीश बाबू के साथ। उन्होंने कहा कि ललन बाबू उन्हें कम से कम सपने में तो रहने देते। नीतीश बाबू से मुझे बहुत सहानुभूति है।