By अभिनय आकाश | Feb 17, 2024
पाकिस्तान में चुनावी धांधली पर कमिश्नर रावलपिंडी लियाकत अली चट्ठा का बड़ा खुलासा हुआ है। मुख्य आयुक्त रावलपिंडी ने धांधली की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा दे दिया है। साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश की संलिप्तता का भी आरोप लगाया है। चुनावी कदाचार को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासों के बीच रावलपिंडी के कमिश्नर लियाकत अली चट्ठा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नाटकीय बयानों की एक श्रृंखला में चट्ठा ने शर्म और प्रायश्चित की इच्छा का हवाला देते हुए, अपने कार्यों के लिए पश्चाताप व्यक्त किया।
उन्हें वीडियो में यह कहते हुए देखा जा सकता है कि उन्हें चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया था, लेकिन उन्हें अपनी जिम्मेदारियों पर शर्म आती है। उनका कहना है कि मैंने जो अपराध किया है उसके लिए मुझे मौत की सज़ा दी जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पीठासीन अधिकारी उनके सामने रो रहे थे, उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने खुद को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने फजर की नमाज के बाद आत्महत्या का प्रयास किया, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि 1971 की घटना दोहराई जाए।
उन्होंने कुछ चौंकाने वाले दावे भी किए कि रावलपिंडी डिवीजन से जीतने वाले 14 एमएनए को अंततः हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया। उनहोंने कहा कि हमने 70,000 की बढ़त को हार में बदल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि देश के प्रति पीठ में छुरा घोंपना उन्हें सोने नहीं दे रहा है। उनका कहना है कि वह अवैध तरीके से 14 उम्मीदवारों को जिताने में शामिल हैं, इसलिए उन्हें जीने का कोई अधिकार नहीं है। जो लोग चुनाव की रात हार रहे थे उन्हें सुबह जितवा दिया गया। उन्होंने कहा कि मैं शांतिपूर्ण मौत मरना चाहता हूं, मुझे क्रूरता के लिए दंडित किया जाना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि दूसरों का भी यही हश्र होना चाहिए। मैं अपने रिटर्निंग अधिकारियों से माफी मांगता हूं।