Jammu-Kashmir Election के अंतिम पड़ाव के बड़े फेस, अफ़ज़ल गुरु, इंजीनियर राशिद के भाई आजमा रहे अपनी किस्मत

By अभिनय आकाश | Oct 01, 2024

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे एवं अंतिम चरण के तहत वोटिंग जारी है। चुनाव के इस चरण में जम्मू-कश्मीर के सात जिलों में 40 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के अंतिम फेज में सज्जाद लोन, रमन भल्ला से लेकर पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद की किस्मत दांव पर है। संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और निर्दलीय सांसद राशिद के भाई तक कई नाम मैदान में हैं। 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के भाई ऐजाज अहमद गुरु  सोपोर से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद के भाई शेख खुर्शीद लंगेट के पारिवारिक गढ़ से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। अफ़ज़ल की 2013 की फाँसी और उसके बाद तिहाड़ जेल में दफ़नाना कश्मीर घाटी में एक ज्वलंत राजनीतिक मुद्दा रहा है। हालांकि ऐजाज़ इसके बारे में खुलकर बात नहीं करते हैं। 

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: बहुत महत्वपूर्ण है Jammu-Kashmir में तीसरे चरण का मतदान, BJP की अपने गढ़ में हो रही है अग्निपरीक्षा

अलगाववादियों और उग्रवादियों का गढ़ माना जाता रहा सोपोर

एजाज सार्वजनिक रूप से घोषणा कर चुके हैं कि वह अपने भाई के नाम पर वोट नहीं माँगेंगे क्योंकि उनकी विचारधाराएँ अलग हैं। उनका अभियान सोपोर के विकास और राजनीतिक सौतेले व्यवहार के इर्द-गिर्द केंद्रित है। निर्वाचन क्षेत्र में घर-घर अभियान के दौरान एक महिला से एजाज कहते नजर आए कि वो अमीर लोगों के दरवाजे पर नहीं गए। उन्होंने अपने चुनाव चिह्न, अपनी तस्वीर और एक संदेश वाले कुछ पोस्टर दिए जिसमें लिखा था- सोपोर को सशक्त बनाएं, तहरीक-ए-अवाम (लोगों का आंदोलन) के साथ बेहतर भविष्य का निर्माण करें। ऐजाज़ ने महिला से कहा कि वे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों में इसे बांट दें। ऐजाज़ सोपोर के 20 उम्मीदवारों में से एक हैं, ये अलगाववादियों और उग्रवादियों का गढ़ माना जाता रहा है। दिवंगत हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी का इस क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव रहा है। गिलानी ने 1990 में घाटी में आतंकवाद फैलने से पहले तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था।

परिवार ने किया किनारा

2014 में जब जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए थे तो सोपोर में कांग्रेस के अब्दुल रशीद डार ने जीत हासिल की थी। डार ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नजीर अहमद नाइकू को हराया था। इस बार कांग्रेस ने डार को फिर से मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के बीच गठबंधन हो गया है। हालांकि में सोपोर में फ्रेंडली फाइट के लिए दोनों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। अफजल की पत्नी तबस्सुम गुरु ने भी खुद को उनके अभियान से अलग कर लिया है और कहा है कि चुनाव लड़ने का फैसला उनका था। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एजाज का अफ़ज़ल या गुरु परिवार से कोई लेना-देना नहीं है। 

इसे भी पढ़ें: Jammu Kashmir में चुनाव जारी, तीसरे चरण में डाले जा रहे वोट

भाई ने जो काम लोकसभा में किया खुर्शीद उसे दोहरा पाएंगे

शेख खुर्शीद अपने भाई की लोकप्रियता पर सवार हैं और लंगेट पर निशाना साध रहे हैं। इस सीट पर राशिद ने 2008 और 2014 में जीत हासिल किया था। पेशे से गर्नमेंट टीचर खुर्शीद ने अपने भाई द्वारा जेल में रहते हुए भी एनसी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस प्रमुख सज्जाद को हराने के बाद अपनी नौकरी छोड़ दी। राशिद को एनसी और पीडीपी दिल्ली का एजेंट करार दे रही हैं। तमाम आरोपों के काउंटर में राशिद का तर्क है कि उन्होंने मोदी के खिलाफ खड़े होने का साहस दिखाया है और यही कारण है कि वह कथित आतंकी फंडिंग के मामले में 2019 से जेल में हैं, जबकि अन्य जो अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद घर में नजरबंद थे।

राशीद के फेस वैल्यू पर भरोसा

लंगेट में खुर्शीद का मुकाबला 15 अन्य लोगों से है लेकिन उन्हें सबसे कड़ी चुनौती पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के इरफान पदितपुरी से मिलने की संभावना है। खुर्शीद को रशीद के फेस वैल्यू पर भरोसा कर रहे हैं। राशिद का जेल से जमानत पर बाहर आना भी टर्निंग फैक्टर साबित हो सकता है। लोगों के बीच बारामूला के सांसद द्वारा अपने रिश्तेदारों को अन्य उम्मीदवारों पर तरजीह देने के खिलाफ सुगबुगाहट उभरी है।

प्रमुख खबरें

दिल्ली में धारा 163 लगाए जाने पर भड़की AAP सरकार, बताया उपराज्यपाल का तुगलकी फरमान

Urmila Matondkar Part Of Bigg Boss 18 | पति से तलाक की अफवाहों के बीच, क्या उर्मिला मातोंडकर बनेंगी सलमान खान के शो का हिस्सा?

Social Media पर फ्लैगिंग के नए चलन से रिश्तों में आती दरार

सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने MUDA को सरेंडर किए 14 प्लॉट, CM बोले- वह नफरत की राजनीति का शिकार हुई हैं