PM मोदी की बैठक में बड़ा फैसला, रद्द हुई CBSE की 12वीं बोर्ड की परीक्षा

By अंकित सिंह | Jun 01, 2021

12वीं की बोर्ड की परीक्षा को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 12वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘‘छात्रों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इससे किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की उत्सुकता को समाप्त किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे तनाव भरे माहौल में छात्रों को परीक्षा में शामिल होने को लेकर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर के अलावा सीबीएसई के चेयरमैन भी मौजूद थे। आपको बता दें कि कई राज्य लगातार 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे।  इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 12वीं की बोर्ड की परीक्षा को लेकर राज्यों के साथ एक बैठक हुई थी। उस बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे। दूसरी ओर सरकार को 3 जून तक सुप्रीम कोर्ट को 12वीं की परीक्षा को लेकर रिपोर्ट सौंपने थी। 

 

सीआईएससीई ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द की

 

सीआईएससीई ने कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए इस वर्ष 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय किया है। यह जानकारी बोर्ड के सचिव गेरी अराथून ने दी। अराथून ने कहा, ‘‘परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। वैकल्पिक आकलन मानकों की जल्द घोषणा की जाएगी।’’ काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआईएससीई) का निर्णय सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने की तर्ज पर लिया गया है। सीबीएसई परीक्षाओं का रद्द करने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक के दौरान लिया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों के हित में यह निर्णय किया गया है और छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की चिंताओं का अंत किया जाना जरूरी है। सीआईएससीई ने पिछले हफ्ते संबद्ध स्कूलों से छात्रों के 11वीं कक्षा और इस सत्र के दौरान 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों का औसत मुहैया कराने के लिए कहा था। परीक्षाएं चार मई से होने वाली थीं। 

 

12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द, प्रधानमंत्री ने छात्रों के हित में लिया गया फैसला बताया


कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर केंद सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह फैसला छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की गई। साथ ही यह फैसला भी हुआ कि सीबीएसई 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के परिणामों को समयबद्ध तरीके से एक पूर्णत: स्‍पष्‍ट उद्देश्यपरक मानदंड के अनुसार संकलित करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘‘छात्रों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इससे किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की उत्सुकता को समाप्त किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे तनाव भरे माहौल में छात्रों को परीक्षा में शामिल होने को लेकर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए। पीएमओ ने कहा, ‘‘कोविड के कारण उत्‍पन्‍न अनिश्चित परिस्थितियों और विभिन्न हितधारकों से प्राप्त राय एवं सुझावों को ध्‍यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि इस वर्ष 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं नहीं कराई जाएंगी।’’ बैठक के दौरान अधिकारियों ने अब तक हुए व्यापक परामर्श के साथ-साथ राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों से प्राप्त विचारों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं पर फैसला विद्यार्थियों के हित में लिया गया है। कोविड-19 ने अकादमिक कैलेंडर को काफी प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं का मुद्दा विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षकों के बीच अत्यधिक चिंता उत्‍पन्‍न करता रहा है, जिसे अवश्‍य ही समाप्त किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि देश भर में कोविड से जुड़ी स्थिति निरंतर बदल रही है। वैसे तो कोविड के मामले घट रहे हैं और कुछ राज्य प्रभावकारी सूक्ष्म-कंटेनमेंट के माध्यम से महामारी से निपट रहे हैं, जबकि कुछ राज्यों ने अब भी लॉकडाउन का विकल्प चुना है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की स्थिति में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को लेकर विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं। इस तरह की तनावपूर्ण स्थिति में विद्यार्थियों को परीक्षाओं में बैठने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए।’’ 


प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का अत्यधिक महत्व है और इस पहलू पर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘आज के समय में इस तरह की परीक्षाएं हमारे युवाओं को जोखिम में डालने का कारण नहीं बन सकती हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी हितधारकों को विद्यार्थियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि परिणाम पूर्णत: स्‍पष्‍ट मानदंडों के अनुसार निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से तैयार किए जाएं। प्रधानमंत्री ने व्यापक परामर्श प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए इस बात की सराहना की कि भारत के कोने-कोने से सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद ही विद्यार्थी हितैषी निर्णय लिया गया है। उन्होंने इस मुद्दे पर राय एवं सुझाव देने के लिए राज्यों का भी धन्यवाद किया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पिछले साल की तरह ही यदि कुछ विद्यार्थी परीक्षा में बैठने की इच्छा रखते हैं, तो स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा उन्हें ऐसा विकल्प प्रदान किया जाएगा। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब कोविड पश्चात जटिलताओं के कारण केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को मंगलवार सुबह एम्स में भर्ती कराया गया। इससे पहले, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कोरोना वायरस महामारी फैलने के कारण 14 अप्रैल को 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की गई थी। 



शिक्षा मंत्रालय ने हाल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में राज्यों एवं विभिन्न पक्षकारों के साथ व्यापक विचार विमर्श किया था। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, प्रकाश जावडेकर, स्मृति ईरानी आदि ने हिस्सा लिया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों एवं अन्य पक्षकारों से परीक्षा को लेकर सुझाव मांगा था। छात्रों के एक समूह ने उच्चतम न्यायालय में मौजूदा हालात के मद्देनजर भारतीय विद्यालय प्रमाण-पत्र परीक्षा परिषद (सीआईएससीई) और सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द करने का अनुरोध करने के लिए याचिका दायर की थी। सरकार ने शीर्ष अदालत में सोमवार को बताया था कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने या नहीं करने के बारे में वह आगामी दो दिन में अंतिम फैसला करेगी। शीर्ष अदालत ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पिछले साल एक जुलाई से 15 जुलाई तक होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के लिए सीबीएसई और सीआईएससीई की योजनाओं को 26 जून, 2020 को मंजूरी दे दी थी और परीक्षार्थियों के आकलन संबंधी फॉर्मूला को भी स्वीकृति दे दी थी।

 

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