By अंकित सिंह | Feb 21, 2023
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके गुट को एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह हाथ से निकलने के बाद लोकसभा सचिवालय ने संसद भवन स्थित शिवसेना कार्यालय को भी एकनाथ शिंदे गुट को आवंटित कर दिया है। इसे उद्धव ठाकरे और उनके गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। आपको बता दें कि लोकसभा सचिवालय का यह कदम ऐसे समय में उठा है, जब कुछ दिन पहले ही चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली सेना के रूप में मान्यता दी थी और शिवसेना के चुनाव चिन्ह तीर धनुष को भी शिंदे गुट को आवंटित कर दिया था। हालांकि, उद्धव ठाकरे लगातार चुनाव आयोग पर हमलावर हैं।
इससे पहले सदन में शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले में लोकसभा सचिवालय को पार्टी के लिए कार्यालय आवंटित करने को लेकर पत्र लिखा था। इसी के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि संसद भवन में शिवसेना कार्यालय के लिए निर्धारित कक्ष पार्टी को आवंटित की जा रही है। पार्टी में बिखराव के बाद अब तक संसद भवन स्थित संबंधित कार्यालय का उपयोग दोनों गुट के नेता कर रहे थे। लेकिन अब इसे पूरी तरह से शिंदे गुट को आवंटित कर दिया गया है। उद्धव ठाकरे को भाजपा पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। गुट का साफ तौर पर कहना है कि शिवसेना को खत्म करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं।
मामला अप सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की उस याचिका पर बुधवार को सुनवाई करने पर सहमति जताई, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना के तौर पर मान्यता देने और उसे ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती दी गई है। ठाकरे गुट की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी एवं न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ के समक्ष मंगलवार को इस मामले का जिक्र किया।