By अंकित सिंह | Jul 09, 2024
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येन्द्र जैन की अंतिम जमानत याचिका खारिज कर दी। जैन ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि वह जेल में बंद पूर्व आप मंत्री की जमानत याचिका पर पहले फैसला करे। 28 मई को हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा और मामले पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
इस बीच, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शहर में सीसीटीवी लगाने से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ जांच की सिफारिश को मंजूरी दे दी। राजनिवास के अधिकारियों के मुताबिक, मौजूदा मामले में आरोप है कि जैन ने दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाने में देरी के लिए एक कंपनी पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के जुर्माने को माफ करने के लिए 7 करोड़ रुपये की रिश्वत ली।
उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा जैन के खिलाफ जांच की मंजूरी के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने के सतर्कता निदेशालय के प्रस्ताव पर सक्सेना सहमत हुए। अधिकारियों ने बताया कि जैन लोक निर्माण विभाग के मंत्री और दिल्ली में 571 करोड़ रुपये की लागत से 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की परियोजना के नोडल प्राधिकारी थे।