By रितिका कमठान | Dec 19, 2024
मुंबई में बुधवार की शाम को गेट ऑफ इंडिया से एलीफेंटा आइलैंड जा रही यात्रियों से भरी नाव यानी फेरी बोट पलट गई। ये फेरी बोट प्राइवेट कंपनी द्वारा संचालित थी, जिसकी टक्कर नौसेना की एक स्पीड बोट से हुई। इस घटना में कुल 13 लोगों की मौत हो गई है।
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी जानकारी देते हुए बताया कि हादसे में 10 यात्रियों और नेवी के तीन लोगों की मौत हुई है। मुख्यमंत्री फडणवीस की मानें तो घटना की जांच पुलिस और नेवी मिलकर करेगी। मुंबई तट पर बुधवार को हुई घातक नौका दुर्घटना के पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे नौका चालकों ने घटनास्थल पर सबसे पहले प्रतिक्रिया दी और उन्होंने इस घटना को कुछ ऐसा बताया जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। नौसेना ने बताया कि इस दुर्घटना में मरने वालों में नौसेना का एक कर्मी और नौसेना के जहाज पर सवार ओईएम (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर) के दो लोग शामिल हैं। मुंबई पुलिस के अनुसार, मृतकों में सात पुरुष, चार महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं।
चश्मदीदों की मानें तो पीड़ितों ने भी इसके कई वीडियो शेयर किए है, जिसके मुताबिक एलीफेंटा केव पर पहुंचने के लिए फेरी में सवार यात्री काफी उत्सुक थे। इसके बाद बोट और फेरी की टक्कर होती है जिससे संतुलन बिगड़ जाता है। बोट में सवार लोगों के बीच चीख पुकार मच जाती है। बोट में 20 बच्चे और बड़े लोग सवार थे।
पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे नौका चालकों ने कहा कि ऐसा हादसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। बुधवार को शाम करीब 4 बजे मुंबई के करंजा के पास इंजन ट्रायल से गुजर रहे नौसेना के एक जहाज के नियंत्रण खोने और यात्री नौका नील कमल से टकराने के बाद कुल 13 लोगों की जान चली गई, जबकि अन्य को बचा लिया गया।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमबीपीटी) की पायलट बोट पूर्वा के चालक आरिफ बामने के हवाले से बताया, "जब हम वहां पहुंचे तो स्थिति दुखद और पूरी तरह से अराजक थी। लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और कुछ रो रहे थे।" बामने ने बताया कि एक छोटी बच्ची पानी के फेफड़ों में चले जाने के बाद बेसुध पड़ी थी। ड्राइवर और अन्य बचावकर्मियों ने उसकी छाती पर दबाव डाला, जिससे उसे सांस लेने में मदद मिली और धीरे-धीरे उसकी सांस सामान्य हो गई।