वैक्सीन को लेकर सियासी विवाद पर भारत बायोटेक के एमडी बोले, किसी राजनीतिक दल से कोई नाता नहीं

By अंकित सिंह | Jan 04, 2021

हैदराबाद। भारत बायोटेक ने सोमवार को कहा कि वह चार टीका उत्पादन इकाइयों की स्थापना कर रही है जिनकी संयुक्त उत्पादन क्षमता 70 करोड़ खुराक प्रतिवर्ष होगी। भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ को औषधि नियामक द्वारा आपात इस्तेमाल की अनुमति मिली है। भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा एल्ला ने इस आरोप से इनकार किया कि शहर में स्थित टीका निर्माता के पास कोवैक्सीन के आंकड़ों की कमी है। उन्होंने कहा कि पहले ही पर्याप्त आंकड़े सामने आ चुके हैं और यह इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। सियासी विवाद पर भारत बायोटेक के एमडी ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा वैक्सीन का राजनीतिकरण किया जा रहा है, मैं यह स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि मेरे परिवार का कोई भी सदस्य किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा है। भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा एला ने कहा कि हम सिर्फ भारत में क्लिनिकल ट्रायल नहीं कर रहे हैं। हमने ब्रिटेन सहित 12 से अधिक देशों में क्लिनिकल ट्रायल किए हैं। हम पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और अन्य देशों में क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं। हम जितनी जल्दी हो सके वैक्सीन को रोल आउट करेंगे। बैचों को पहले ही कसौली सरकार की परीक्षण प्रयोगशाला में भेजा जा चुका है। जब पूछा गया कि क्या COVAXIN नए वायरस  पर प्रभावी होगा' तो कृष्णा एला कहा कि मुझे एक सप्ताह का समय दें, मैं आपको डेटा की पुष्टि करूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआत में, टीका की लागत थोड़ी अधिक हो सकती है। जैसे-जैसे उत्पादन का पैमाना बढ़ता जाएगा, कीमत बाजार द्वारा नियंत्रित की जाएगी।

 

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उन्होंने संवाददताओं से कहा कि 2021 तक हमारे पास 760 करोड़ खुराक की क्षमता होगी ...जैसा कि हम कहते हैं कि हमारे पास दो करोड़ खुराक हैं। उन्होंने कहा कि ‘कोवैक्सीन’ का वर्तमान में 24,000 स्वयंसेवकों के साथ तीसरे चरण का क्लीनिकल ​​परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने आंकड़ों की उपलब्धता संबंधी आरोपों पर कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम एकमात्र कंपनी हैं जिसके बारे में मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि उसे व्यापक अनुसंधान अनुभव है। कई लोग कहते हैं कि मैं अपने आंकड़ों को लेकर पारदर्शी नहीं हूं। मुझे लगता है कि लोगों में इंटरनेट पर पढ़ने के साथ ही हमारे लेखों को देखने का धैर्य होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों को कमतर मानकर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी का कार्य फाइजर से कम नहीं है, जिसने हाल ही में कोरोना वायरस के लिए एक टीका बनाया है।

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