By रेनू तिवारी | Apr 15, 2025
पोहेला बोइशाख, या पोइला बोइशाख - बड़े पैमाने पर पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में मनाया जाता है, जो बंगाली कैलेंडर में पहला महीना है, यही कारण है कि इसे बंगाली नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है। वहां के लोग खुशी और आनंद का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन लोग ‘शुभो नोबो बोरशो’ कहकर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं, जहाँ ‘शुभो’ का अर्थ है खुशी, ‘नोबो’ का अर्थ है नया और ‘बरशो’ का अर्थ है साल।
पीएम मोदी ने बंगाली नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं
एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, ''पोइला बोइशाख पर शुभकामनाएं!'' पीएम मोदी ने कहा मुझे आशा है कि इस वर्ष आपकी सभी इच्छाएँ पूरी होंगी। मैं सभी की सफलता, सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करता हूं। शुभो नबो बरशो!"
'पोइला बोइशाख' दुनिया भर के बंगालियों द्वारा मनाया जाता है, भले ही भौगोलिक स्थिति कुछ भी हो, लेकिन इस अवसर का बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम सहित भारत के बंगाली भाषी क्षेत्रों में बंगालियों के लिए विशेष महत्व है। पोइला बोइशाख नवीनीकरण, खुशी और सांस्कृतिक गौरव का दिन है। यह धार्मिक या क्षेत्रीय मतभेदों की परवाह किए बिना समुदायों को एक साथ लाता है और बंगाली लोगों की साझा विरासत का जश्न मनाता है।
पोइला शब्द का अर्थ है पहला और बोइशाख बंगाली कैलेंडर में पहले महीने का नाम है - इसलिए, पोइला बोइशाख का शाब्दिक अर्थ है बोइशाख का पहला। पश्चिम बंगाल में, यह कला, संगीत, भोजन और व्यावसायिक परंपराओं के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।
पश्चिम बंगाल में इसे कैसे मनाया जाता है?
पोइला बोइशाख बंगाली कैलेंडर वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और इसे भारत और विदेशों के विभिन्न हिस्सों में बंगाली समुदाय द्वारा मनाया जाता है। 'पोलिया' शब्द का अर्थ है पहला, और 'बोइशाख' चंद्र-सौर बंगाली कैलेंडर का पहला महीना है। आज, समुदाय वर्ष 1432 की शुरुआत का जश्न मनाता है। बंगाली सकब्दी के अनुसार, वर्ष का पहला दिन सबसे शुभ माना जाता है।