By अभिनय आकाश | Aug 25, 2021
टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था। इतना ही नहीं टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया था। नीरज ने जेवलिन थ्रो के फाइनल में 87.58 दूर जेवलिन फेंककर भारत को एथलेटिक्स में पहला गोल्ड मेडल जीताया था। लेकिन फाइनल से ठीक पहले नीरज के लिए सबकुछ ठीक नहीं था। क्योंकि पाकिस्तान की नापाक साजिश का पर्दा फाश हो गया था। फाइनल से पहले नीरज को अपना जेवलिन नहीं मिल रहा था। ऐसा इस वजह से हुआ क्योंकि उनका जेवलिन पाकिस्तान के अरशद नदीम के पास था। इस बात का खुलासा खुद नीरज ने गोल्ड मेडल जीतने के 18 दिनों के बाद किया है।
नदीम मेरे जेवलिन के साथ घूम रहा था
एक इंटरव्यू में नीरज ने बताया कि मैं फाइनल की शुरुआत से पहले अपना जेवलिन तलाश कर रहा था। मुझे वह मिल नहीं रहा था। अचानक मैंने देखा कि पाकिस्तान का अरशद नदीम मेरे जेवलिन के साथ घूम रहा है। मैंने उससे कहा कि भाई ये मेरा जेवलिन है, ये मुझे दे दो। नीरज ने कहा कि तभी आपने देखा होगा कि मैंने अपना पहला थ्रो काफी जल्दाबाजी में फेंका था।
क्या नीरज का वक्त बर्बाद करना चाहते थे नदीम?
अरशद नदीम नीरज चोपड़ा को अपना आदर्श बता चुके हैं। ओलंपिक की आधिकारिक वेबसाइट के प्लेयर प्रोफाइल सेक्शन में नदीम ने नीरज चोपड़ा को अपना हीरो बताया है।लेकिन पाकिस्तान के अरशद नदीम की ये हरकत नीरज के लिए भारी भी पड़ सकती थी और नीरज का गोल्ड मेडल जीतने का सपना टूट भी सकता था। हालांकि अरशद ने टोक्यो ओलंपिक में ऐसा क्यों किया ये एक बड़ा सवाल बनता जा रहा है। लेकिन एक पुरानी कहावत है कि दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाले खुद उसमें गिर जाते हैं। ऐसा ही कुछ नदीम के साथ भी हुआ। नदीम पाकिस्तान की तरफ से पदक के दावेदार थे। लेकिन 84.62 का उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो मेडल के लिए नाकाफी था।