By टीम प्रभासाक्षी | Jan 30, 2023
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह पाठकों ने प्रभासाक्षी संपादक से बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर हो रहे विवाद और बिहार की राजनीति में जारी उठापटक को लेकर सवाल पूछे। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में जब लोकसभा चुनावों में एक साल से भी कम समय बचा है और भाजपा विरोधी दलों के पास जब प्रधानमंत्री मोदी के कद जैसा कोई बड़ा नेता नहीं है तो मोदी की छवि को नुकसान पहुँचाने का अभियान छेड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर जिस तरह देश के विश्वविद्यालयों में नकारात्मकता फैलायी जा रही है, छात्रों के मन में जहर भरा जा रहा है, अल्पसंख्यक मोदी के करीब जा रहे हैं तो उन्हें डराया जा रहा है वह समाज हित में नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत की छवि पर प्रहार के लिए बनाई गयी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को देश में कुछ लोग ऐसे समय बढ़ावा दे रहे हैं जब हम वैश्विक मंदी के बावजूद प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बरसों तक भारत पर राज करने वाले ब्रिटेन ने बांटो और राज करो की जो नीति अपने शासन के समय अपनाई थी, उस नीति पर वह आज भी कायम है। प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि बीबीसी से डॉक्यूमेंट्री बनवा कर हमको बांटने का प्रयास किया गया है और हम उसकी चाल समझ नहीं पा रहे हैं।
उन्होंने इस मामले को भी टूलकिट से जोड़ते हुए कहा कि जो लोग सोशल मीडिया पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर टिप्पणियां कर रहे हैं यदि आप उनके पोस्टों को देखेंगे तो साफ प्रतीत होता है कि यह सब टूलकिट गैंग का किया धरा है और इन्हें कोई पीछे से नियंत्रित कर रहा है जोकि नहीं चाहता कि भारत में शांति और समृद्धि हो।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वैसे तो समाधान यात्रा पर निकले हुए हैं लेकिन उनकी पार्टी जनता दल युनाइटेड (JDU) और सत्तारुढ़ गठबंधन में जो आंतरिक घमासान मचा हुआ है, उसे थामने में वह विफल नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा लगातार मुख्यमंत्री और पार्टी के अन्य नेताओं पर निशाना साध रहे हैं, इसके अलावा सहयोगी आरजेडी के नेता भी मुख्यमंत्री पर आक्षेप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सिलसिला कुछ और दिन तक चला तो महागठबंधन धराशायी भी हो सकता है।