Basant Purnima 2024: बसंत पूर्णिमा को माना जाता है साल का सबसे भाग्यशाली दिन, जानिए किस विधि से करें पूजा

By अनन्या मिश्रा | Mar 25, 2024

हिंदू पंचांग के मुताबिक साल का आखिरी महीना फाल्गुन माह होता है। इसलिए फाल्गुन पूर्णिमा को साल का आखिरी दिन मानते हैं और हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व माना जाता है। बता दें कि सबसे बड़े अनुष्ठानों में से एक होलिका दहन भी इसी दिन किया जाता है। साथ ही यह बसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक माना जाता है। इस दिन चंद्रमा की ऊर्जा से पृथ्वी सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। फाल्गुन पूर्णिमा को बसंत पूर्णिमा भी कहा जाता है।


फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष के आखिरी में फाल्गुन पूर्णिमा आती है, जो कि साल का आखिरी महीना भी है। इस माह के बाद चैत्र माह लग जाता है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक इस दिन से नए साल की शुरूआत होती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि फाल्गुन पूर्णिमा हिंदू धर्म में इतनी महत्वपूर्ण क्यों है और इसका क्या महत्व है।

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फाल्गुन पूर्णिमा साल का सबसे भाग्यशाली दिन

आपको बता दें कि फाल्गुन पूर्णिमा को साल का सबसे अहम और भाग्यशाली दिन माना जाता है। इसको पूर्णिमा, पूनम और पूर्णमासी आदि के नाम से भी जाना जाता है। इस पवित्र दिन पर लोग व्रत-उपवास करते हैं औऱ श्रीहरि विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यता के मुताबिक जो भी जातक इस दिन व्रत रखकर चंद्रमा और श्रीहरि विष्णु की पूरे श्रद्धाभाव से पूजा-अर्चना करता है, उसे सभी तरह के पापों से छुटकारा मिल जाता है।


फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन को लक्ष्मी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन और भाग्य की देवी माना जाता है। इसलिए इस दिन को सबसे ज्यादा भाग्यशाली माना जाता है।


फाल्गुन पूर्णिमा 2024 डेट और मुहूर्त

फाल्गुन पूर्णिमा 24 मार्च 2024 को सुबह 09:54 मिनट से शुरू होगी। वहीं अगले दिन यानी की 25 मार्च 2024 को दोपहर 12:29 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। उदयातिथि के मुताबिक 25 मार्च 2024 को फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा।


पूजा एवं व्रत विधि

इस दिन भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु, मां लक्ष्मी और भगवान नरसिंह की पूजा करने से व्यक्ति के घर में सुख-समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य और धन आता है। इसलिए विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद करने के लिए बसंत पूर्णिमा पर उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए।


सबसे पहले इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

फिर भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें।

सूर्योदय से चंद्रोदय तक व्रत का संकल्प लें।

फिर शाम चंद्र देव के निकलने के बाद उनकी पूजा करें और व्रत खोलें।

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