By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 05, 2024
ढाका । बांग्लादेश के अंतरिम नेता, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमा वापस भेजने के मुद्दे को उठाने के लिए क्षेत्रीय दक्षिण पूर्व एशिया समूह के साथ बातचीत करने में मलेशिया से मदद मांगी। मलेशिया अगले वर्ष दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन ‘आसियान’ की अध्यक्षता संभालेगा। यह अपील ऐसे समय में की गई है, जब मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में यूनुस से मुलाकात की। यूनुस के आठ अगस्त को पदभार संभालने के बाद यह किसी विदेशी नेता की बांग्लादेश की पहली यात्रा है, तथा 11 वर्षों में किसी मलेशियाई नेता की बांग्लादेश की पहली राजकीय यात्रा है।
यूनुस ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़कर भाग जाने के बाद पदभार संभाला था। उस समय जनांदोलन में उन पर भ्रष्टाचार, मानवाधिकारों के उल्लंघन और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग का आरोप लगाया गया था। उन्होंने बांग्लादेश की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए सुधारों और प्रयासों का वादा किया है। बांग्लादेश में 10 लाख रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं, जो म्यांमा की सेना द्वारा की गई हिंसा से बचकर भागे हैं।
वे बांग्लादेश में बड़े-बड़े शिविरों में रहते हैं और लंबे समय से सुरक्षित घर वापसी की मांग कर रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद यूनुस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने आसियान में रोहिंग्या प्रत्यर्पण मुद्दे को उठाने में मलेशियाई प्रधानमंत्री से मदद मांगी। युनुस ने कहा, “मलेशिया इस मुद्दे को उठाने में हमारा समर्थन करेगा। यह ऐसी बात है जिसका समाधान हमें यथाशीघ्र करना होगा।”
यूनुस ने कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और अपने मुस्लिम बहुल देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के साथ-साथ राजनीतिक सहयोग, निवेश, सांस्कृतिक और मानवीय संबंधों पर भी चर्चा की। यूनुस ने कहा कि उन्होंने कृषि, ऊर्जा, शिक्षा, सेमी कंडक्टर उद्योग और संपर्क जैसे क्षेत्रों में नए अवसरों की खोज की आवश्यकता पर बल दिया। रोहिंग्या शरणार्थी संकट के समाधान में आसियान को शामिल करने के साथ-साथ बांग्लादेश इस समूह के देशों के साथ व्यापार बढ़ाने का भी इच्छुक है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023 में बांग्लादेश दक्षिण एशिया में मलेशिया का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था, जिसका कुल व्यापार 2.78 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था।