By नीरज कुमार दुबे | Apr 01, 2025
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस गलती पर गलती करते जा रहे हैं। उन्होंने जो नई गलती की है वह भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की ओर आंख उठाने की है। मोहम्मद यूनुस ने अपनी चीन यात्रा के दौरान भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की ओर चीन का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की जिससे भारत का भड़कना स्वाभाविक है। पूर्वोत्तर क्षेत्र पर चीन की भी नजर लगी ही रहती है यह बात बांग्लादेश भलीभांति जानता है। इसलिए मोहम्मद यूनुस ने जो गुस्ताखी की है उसे भारत हल्के में नहीं लेगा।
विवाद क्या है?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने तो इस मुद्दे पर पलटवार कर भी दिया है। हिमंत बिस्व शर्मा ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के अपने देश को क्षेत्र में ‘‘महासागर का एकमात्र संरक्षक’’ बताए जाने संबंधी बयान को ‘‘आक्रामक एवं घोर निंदनीय’’ करार दिया है। हम आपको बता दें कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने चीन से बांग्लादेश में अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ाने की अपील करते हुए उल्लेख किया था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का चारों ओर से जमीन से घिरा होना इस संबंध में एक अवसर साबित हो सकता है। यूनुस ने हाल की अपनी चार दिवसीय चीन यात्रा के दौरान यह टिप्पणी की थी और इसका वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर सामने आया। हिमंत विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बांग्लादेश की तथाकथित अंतरिम सरकार के मोहम्मद यूनुस द्वारा दिया गया वह बयान अपमानजनक एवं घोर निंदनीय है जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों को जमीन से घिरा बताया और बांग्लादेश को उनकी समुद्री पहुंच का संरक्षक बताया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोहम्मद यूनुस के ऐसे भड़काऊ बयानों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि ये (बयान) गहन रणनीतिक विचारों और दीर्घकालिक एजेंडे को दर्शाते हैं।’’ हम आपको बता दें कि यूनुस ने कहा था, ‘‘भारत के पूर्वी क्षेत्र के सात राज्यों का ‘सात बहनें’ कहा जाता है। वे चारों ओर से जमीन से घिरे क्षेत्र हैं। उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।’’ युनूस ने बांग्लादेश को इस क्षेत्र में ‘‘महासागर का एकमात्र संरक्षक’’ बताते हुए कहा था कि यह एक बड़ा अवसर हो सकता है और चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार हो सकता है। शर्मा ने कहा कि यह टिप्पणी ‘‘भारत के रणनीतिक ‘चिकन नेक’ गलियारे से लगातार जुड़ी कमजोरी की बात’’ को रेखांकित करती है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐतिहासिक रूप से, भारत के आंतरिक तत्वों ने भी पूर्वोत्तर को मुख्य भूमि से भौतिक रूप से अलग-थलग करने के लिए इस महत्वपूर्ण मार्ग को काटने का खतरनाक सुझाव दिया है इसलिए ‘चिकन नेक’ गलियारे के नीचे एवं उसके आस-पास और भी मजबूत रेलवे और सड़क नेटवर्क विकसित करना जरूरी है।’’ शर्मा ने पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ने वाले वैकल्पिक सड़क मार्गों की तलाश को प्राथमिकता देने का आह्वान किया, ताकि 'चिकन नेक' संबंधी समस्याओं से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि इससे इंजीनियरिंग संबंधी बड़ी चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं लेकिन ‘‘दृढ़ संकल्प और नवोन्मेष’’ के साथ यह संभव है।
संजीव सान्याल का सवाल
इस बीच, यह मुद्दा राजनीतिक रूप से तूल पकड़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने ‘एक्स’ पर यह वीडियो पोस्ट किया और सवाल किया कि यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र का उल्लेख क्यों किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह दिलचस्प है कि यूनुस चीनियों से इस आधार पर सार्वजनिक अपील कर रहे हैं कि भारत के सात राज्य चारों ओर से भूमि से घिरे हुए हैं। चीन का बांग्लादेश में निवेश करने का स्वागत है, लेकिन भारत के सात राज्यों के चारों ओर से भूमि से घिरे होने का क्या मतलब है?''
कांग्रेस पार्टी के सवाल
वहीं कांग्रेस ने कहा है कि भारत को घेरने के लिए बांग्लादेश द्वारा चीन को आमंत्रित करना पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बहुत खतरनाक है। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार मणिपुर समेत पूरे क्षेत्र की देखभाल नहीं कर रही है। कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत को घेरने के लिए बांग्लादेश चीन को आमंत्रित कर रहा है। बांग्लादेश सरकार का यह रवैया हमारे पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बहुत खतरनाक है। सरकार मणिपुर की सुध नहीं ले रही है और चीन पहले ही अरुणाचल में गांव बसा चुका है।’’ खेड़ा ने कहा, ‘‘हमारी विदेश नीति इतनी दयनीय स्थिति में है कि जिस देश के निर्माण में भारत की प्रमुख भूमिका थी, वह भी आज हमारे खिलाफ लामबंदी करने में लगा हुआ है।’’