By अजय कुमार | Mar 19, 2024
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर अक्सर यूटर्न लेने का आरोप लगता रहता है। यह बात इन चुनावों में भी दिख रही है। सपा अपने घोषित कुछ प्रत्याशियों को बदलना चाहती है।वहीं मुरादाबाद और रामपुर संसदीय सीट के लिये प्रत्याशी तय करने में जेल में सजा काट रहे आजम खान की सुनी जायेगी। उनकी मर्जी से ही प्रत्याशी तय किये जायेगें। हालांकि मुरादाबाद से अभी सपा के ही सांसद हैं। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन 20 मार्च यानी कल से शुरू होंगे, पर अभी तक सपा ने रामपुर, मुरादाबाद और पीलीभीत के टिकट फाइनल नहीं किए हैं। बताया जा रहा है कि रामपुर और मुरादाबाद का टिकट जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां की सहमति के बाद घोषित किए जाएंगे।
बात दें 2019 में मुरादाबाद से एसटी हसन और रामपुर से आजम खां जीते। पर, कुछ समय बाद आजम खां को एक मामले में कोर्ट ने तीन साल की सजा सुना दी। इससे आजम की सदस्यता चली गई। वर्ष 2022 में हुए उपचुनाव में भाजपा ने यह सीट सपा से छीन ली। वर्तमान में रामपुर से भाजपा के घनश्याम लोधी सांसद हैं।
बात मुरादाबाद की कि जाये तो अबकी से यहां मौजूदा सांसद एसटी हसन के अलावा दो-तीन विधायक भी टिकट मांग रहे हैं। पिछली बार भी एसटी हसन को टिकट आजम खां के कहने पर ही दिया गया था। सपा सूत्रों का कहना है कि रामपुर और मुरादाबाद में हमेशा की तरह इस बार भी आजम खां की राय को ही अहमियत मिलेगी। शीर्ष नेतृत्व उनसे संपर्क के बाद दोनों सीटों पर प्रत्याशी घोषित करेगा। उधर, माना जा रहा है कि इस बार भाजपा पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी या सुल्तानपुर से सांसद उनकी मां मेनका गांधी में से किसी एक को ही टिकट दे सकती है। इन्हीं समीकरणों को ध्यान में रखते हुए सपा ने अभी तक पीलीभीत में किसी को टिकट नहीं दिया है। गांधी परिवार और सपा नेतृत्व के बीच रिश्ते अच्छे बताए जाते हैं।
बात प्रत्याशी बदलने की कि जाये तो सपा मेरठ में अपना प्रत्याशी बदल सकती है। यहां से भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया गया है। सपा सूत्रों के मुताबिक, मेरठ से भानु प्रताप के स्थान पर किसी स्थानीय दलित नेता को टिकट दिया जा सकता है। कयास बिजनौर का टिकट बदलने के भी लगाए जा रहे हैं, लेकिन बिजनौर के सपा प्रत्याशी यशवीर सिंह ने इसे अपने विरोधियों की साजिश बताया है। उनका कहना है कि वह पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़ेंगे।