आजादी का अमृत महोत्सव--धर्मशाला कारागार में भी कैद रहे शेर ए पंजाब लाला लाजपत राय, उनकी कुर्सी आज भी है सलामत

By विजयेन्दर शर्मा | Sep 01, 2021

धर्मशाला ।  देश इन दिनों भारत आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।  इसे यादगार बनाने के लिए कई कार्यक्रम हो रहे हैं। इसी कड़ी में आपको प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क भारत को आजाद करवाने की अलख जगाने वाले  शेर.ए.पंजाब लाला लाजपत राय के जीवन के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने जा रहा है।

 

 

 

उन्होंने हिमाचल प्रदेश में  भी क्रांति का बिगुल फूंकने में अहम भूमिका निभाई थी। अंग्रेजों ने पहाड़ी क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानियों को नजरबंद करने के लिए वर्ष 1913 में इस जेल को बनाया था। स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय ने भी धर्मशाला की जेल में 21 अप्रैल 1922 से 9 जनवरी 1923 तक  जेल काटी थी। उन्हें  लाहौर अब पाकिस्तान में है जेल से धर्मशाला जेल में शिफ्ट किया था।

 

 

 

इसे भी पढ़ें: आजादी का अमृत महोत्सव-- राष्ट्रगान की मूल धुन तैयार करने वाले कैप्टन राम सिंह थापा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में जन्में थे

 

 

अंग्रेजी हुकूमत के दौरान  लाला लाजपत राय   हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला  की कारागार में करीब  साढ़े चार माह तक बंदी रहे।  उन दिनों जिला कांगड़ा पंजाब का हिस्सा हुआ करता था।  व पंजाब के कैदियों को धर्मशाला जेल में रखा जाता था।  सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक धर्मशाला कारागार में स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय को 21 अगस्त 1922 से नौ जनवरी 1923 तक रखा गया था। जेल में जिस कुर्सी पर वे बैठते आज भी इसी कारागार में सलामत है।

 

 

 

जिला जेल प्रशासन  ने इस कुर्सी को सहेज कर रखा है। जिसे देखने के लिये लोग यहां आते हैं। देश को आजादी दिलाने में कई शूरवीरों ने अपनी जान की भी परवाह नहीं की। ऐसे ही एक वीर थे शेर.ए.पंजाब लाला लाजपत राय। लाला लाजपत राय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वह महान सेनानी थेए जिन्होंने देश सेवा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और अपने जीवन का एक.एक कतरा देश के नाम कर दिया। अंग्रेजों की लाठियां खा कर अपनी जान कुर्बान करने वाले अमर शहीद लाला लाजपत राय को  लोग आज भी याद करते हैं। 

 

 

इसे भी पढ़ें: आजादी का अमृत महोत्सव -- ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने के लिये महात्मा गांधी कई बार शिमला आये

 

 

कांगड़ा के जिलाधीश डॉण् निपुण जिंदल ने  बताया कि धर्मशाला कारागार में रखी गई कुर्सी को उसी बैरक में रखा गया हैए जहां उस समय खुद लाला लाजपत राय रहे थे।   वहीं जेल सुप्रीटेंडेंट   ने कहा कि कारागार में रखी गई यह कुर्सी देश की धरोहर है।  इसे सहेज कर रखने के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं।   इस बैरक को खाली ही रखा जा रहा है। कोई दूसरा कैदी यहां नहीं रखा जाता ए बाहर से ताला लगाकर रखा गया है। हम लोग  यहां की नियमित साफ सफाई देखते हैं। 

 

 

 

लाला लाजपत राय सिर्फ स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं बल्कि महान समाज सुधारक और समाजसेवी भी थे। यूं तो कांग्रेस हमेशा गांधी जी के नरम सिद्धांतों पर चला लेकिन कांग्रेस में एक दल ऐसा भी था जिसे लोग गरम दल मानते थे और इसी के एक अग्रणी नेता थे लाला लाजपत राय। लाला लाजपत राय गरम मिजाज के भी थे। लेकिन इसके बावजूद भी गांधी वादियों के दिल में उनके लिए अपार स्नेह और सम्मान था। लाला लाजपत राय ऐसे शख्स थे जो गांधीवादियों के साथ.साथ भगत ङ्क्षसह और चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के दिल में वास करते थे और यह क्रांतिकारी उनका सम्मान भी करते थे। तभी तो लाला जी की मौत का बदला लेने के लिए भगत सिंह  और राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों ने अपनी जान लगा दी। 

 

 

 

इसे भी पढ़ें: सौ प्रतिशत वैक्सीनशन के लिए जयराम ठाकुर और उनकी टीम को शुभकामनाएं : कश्यप

 

 

 30 अक्टूबरए1928 को इंग्लैंड के प्रसिद्ध वकील सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय आयोग लाहौर आया। उसके सभी सदस्य अंग्रेज थे। पूरे भारत में भी इस कमीशन का विरोध हो रहा था। क्योंकि सभी चाहते थे कि साइमन कमीशन में भारतीय प्रतिनिधि भी होना चाहिए।

 

 

पंजाब में इस कमीशन का विरोध करने वाले दल की अगुवाई लाला लाजपत राय ने की। उनके नेतृत्व में बाल.वृद्धए नर.नारी हर कोई स्टेशन की तरफ बढ़ते जा रहे थे। अंग्रेजों की निगाह में यह देशभक्तों का गुनाह था। साइमन कमीशन का विरोध करते हुए उन्होंने अंग्रेजों वापस जाओ का नारा दिया तथा कमीशन का डटकर विरोध जताया। इसके जवाब में अंग्रेजों ने उन पर लाठीचार्ज किया अपने ऊपर हुए प्रहार के बाद उन्होंने कहा कि उनके शरीर पर लगी एक.एक लाठी अंग्रेजी साम्राज्य के लिए कफन साबित होगी। उनके बलिदान के बाद कितने ही उधम सिंह   और भगत  सिंह  तैयार हुए जिनके प्रयासों से हमें आजादी मिली।


प्रमुख खबरें

Kasba Peth सीट से भाजपा ने Hemant Rasane को दिया टिकट, उपचुनाव में कांग्रेस ने ढ़हाया था बीजेपी का किला

Pune Cantonment विधानसभा सीट के लिए सजा चुनावी रण, भाजपा ने वर्तमान विधायक Sunil Kamble पर लगाया अपना दांव

Khadakwasla विधानसभा सीट पर दिलचस्प हुई चुनावी लड़ाई, विधायक Bhimrao Tapkir को भाजपा ने घोषित किया अपना उम्मीदवार

Intra Squad Match: WACA मैदान पर इंट्रा स्क्वॉड मैच में कोहली-पंत हुए फेल, शॉट बॉल बनी मुसीबत