By अभिनय आकाश | Sep 03, 2022
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी और कानपुर जैसे जिलों को मिलाकर एक उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र (यूपीएससीआर) बनाने की योजना तैयार करने का निर्देश दिया। आदित्यनाथ ने यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शहरी विकास विभागों के कामकाज की समीक्षा की और कई निर्देश दिए हैं। यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, उत्तर प्रदेश को शहरीकरण को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरणों को निवेश, रोजगार और नवाचार के लिए प्रौद्योगिकी की मदद से अनायास ही आगे बढ़ना होगा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास परियोजनाओं को निर्धारित करते समय अगले 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखा जाना चाहिए।" निरंतर समन्वित प्रयासों के साथ, राज्य की राजधानी लखनऊ को आज अत्याधुनिक शहरी सुविधाओं के रूप में सुसज्जित किया जा रहा है। एक महानगरीय शहर आदित्यनाथ ने कहा कि विभिन्न शहरों के लोग यहां आना चाहते हैं और इसे अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं। पड़ोसी जिलों में भी आबादी बढ़ रही है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी आती रहती हैं। ऐसे में भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर एक 'उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र' का गठन किया जाए। लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को भी इस राज्य की राजधानी क्षेत्र में शामिल किया जा सकता है।
सोलर सिटी अयोध्या
एक अन्य बड़ी पहल में आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि अयोध्या को 'सोलर सिटी' के रूप में विकसित करने की कार्य योजना पर तेजी से काम किया जाना चाहिए। ये प्रयास अयोध्या को वैश्विक मंच पर एक विशिष्ट पहचान देगा। अयोध्या से पूरी दुनिया को ऊर्जा संरक्षण का बड़ा संदेश मिलेगा। ऐतिहासिक स्थानों पर भित्ति चित्र, कलाकृति, राम कथा गैलरी, ओपन-एयर थिएटर समय पर पूरा किया जाना चाहिए। रामायण परंपरा का सांस्कृतिक मानचित्रण किया जाए। इसी तरह राम वन गमन पथ पर रामायण दीर्घाओं का निर्माण कराने के लिए कार्रवाई की जाए। बरसाना में राधा रानी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को जल्द ही रोपवे की नई सुविधा मिल सकेगी। ये महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाना चाहिए। इसी तरह कैंट रेलवे स्टेशन से वाराणसी के गिरजाघर तक बनने वाला रोपवे आम आदमी को अनूठी शहरी परिवहन व्यवस्था से परिचित कराएगा। बयान में कहा गया है कि इस परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
राम पथ का निर्माण
श्री राम जन्मभूमि पथ' के 700 मीटर तक सड़क को मार्च, 2023 पूरा किया जाना है। इसका निरीक्षण बुधवार को ही डीएम नीतिश कुमार ने किया। ये मुख्य मार्ग से श्रद्धालुओं को श्रीरामलला की चौखट तक पहुंचाने का सबसे आसान रास्ता होगा। हालांकि इस पथ को 2023 तक पूरा कर पाना भी एक बड़ी चुनौती है। जहां 4 लेन का रास्ता बनाए जाने का प्रस्ताव है। जिसके लिए कई जगहों पर जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है।
आधुनिक रेलवे स्टेशन
अयोध्या का रेलवे स्टेशन भी आधुनिकता को समाए बनकर तैयार होने वाला है। इसका मॉडल कुछ राम मंदिर जैसा दिखाई देगा। वहीं मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। राम मंदिर के निर्माण कार्य के साथ अयोध्या को देश-दुनिया से सीधे कनेक्ट करना भी सबसे अहम है। इसलिए अयोध्या के सड़क, रेल और एयर कनेक्टिविटी पर पूरा जोर है।
लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर
आदित्यनाथ ने इस बात पर भी जोर दिया कि लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर को जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए। यह लखनऊ को आकर्षक लुक देगा। लखनऊ नगर निगम का दायरा बढ़ाया जाए। बटलर लेक और सीजी सिटी में आर्द्रभूमि के पुनरोद्धार के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। प्राधिकरण के अधीन सभी आवासीय/निजी/सरकारी भवनों में वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, चित्रकूट, वाराणसी, प्रयागराज के लिए नगर विकास योजनाएँ तैयार करें। आदित्यनाथ ने कहा कि लीड्स - 2021 नीति के तहत गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और मेरठ के लिए शहरी रसद योजना तैयार करने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। राजधानी लखनऊ में मेट्रो सेवाओं को लोगों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। कोविड-19 काल से पहले लगभग 72,000 यात्री प्रतिदिन मेट्रो का उपयोग करते थे, अब एक बार फिर मेट्रो में यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है। लखनऊ मेट्रो के अगले चरण के विकास का प्रस्ताव तैयार कर एक सप्ताह में पेश किया जाए।