By अंकित सिंह | May 16, 2023
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने घटना की जांच के लिए एक एडीजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित करने का आदेश दिया, जहां 13 मई को दूसरे धर्म के एक समूह ने जबरदस्ती त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की थी। इस मामले में नासिक पुलिस द्वारा एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर के सुरक्षाकर्मियों ने जबरन प्रवेश करने के प्रयास को विफल कर दिया। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, केवल हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति है। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। पूरे मामले को लेकर मंदिर न्यास ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। दावा किया जा रहा है कि कुछ लोग ज्योतिर्लिंग पर हरी चादर चढ़ाना चाहते थे।
इस घटना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस राज्य में सभी जाति के लोग रहते हैं, कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की है लेकिन इसमें नागरिकों को भी सहयोग करनी की आवश्यकता है मैंने कल ये आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि कहीं पर भी जाति तनाव न हो इसलिए सभी समाज के लोगों को आगे बढ़कर सहयोग और कानून व्यवस्था बनाए रखने की आवश्यकता है। वहीं, फडणवीस के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रैंक का एक अधिकारी एसआईटी का प्रमुख होगा। बयान में कहा गया, एसआईटी न केवल इस घटना की जांच करेगी, बल्कि इसी तरह की एक अन्य घटना की भी जांच करेगी जो पिछले साल उसी मंदिर में हुई थी।
पुलिस के मुताबिक एसआईटी इस साल की ही नहीं बल्कि पिछले साल की घटना की भी जांच करेगी। पिछले साल भी इसी तरह का प्रयास मई में किया गया था जब एक विशेष समुदाय की भीड़ मुख्य प्रवेश द्वार के माध्यम से कथित तौर पर त्र्यंबकेश्वर मंदिर परिसर में प्रवेश कर गई थी। वहीं, विश्व हिन्दू परिषद के विनोद बंसल ने ट्वीट कर कहा कि नासिक के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग पर जिहादियों द्वारा कब्जे का दुस्साहस करोड़ों हिंदूओं की धार्मिक भावनाओं व आस्था के केंद्र पर प्रत्यक्ष हमला व सम्पूर्ण हिंदू समाज की आंखें खोल देने वाला है। शिवा जी की पुण्य धरा पर हुए इस पापी प्रयास के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही जरूरी है।