Atal Bihari Vajpayee | अटल बिहारी वाजपेयी की चौथी पुण्यतिथि, राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति और पीएम मोदी सहित तमाम नेताओं ने की पुष्पांजलि अर्पित

By रेनू तिवारी | Aug 16, 2022

देश के भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि पर आज पूरा देश याद कर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य ने 'सदैव अटल' की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके अलावा अटल समाधि स्थल पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पीएम नरेंद्र मोदी  समेत कई नेताओं ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी। 

 

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदाव अटल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (#AtalBihariVajpayee) की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की।  पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री #AtalBihariVajpayee की पुण्यतिथि पर सदैव अटल में पुष्पांजलि अर्पित की।

 

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कई और बड़े नेताओं सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री #AtalBihariVajpayee की पुण्यतिथि पर सदैव अटल में पुष्पांजलि अर्पित की। 


भारतीय राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का कद क्या था, शायद यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें जननेता कहा जाता है। इसके साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति (Indian Politics) का आजादशत्रु भी कहा जाता है। भारत माँ के सच्चे सपूत, राष्ट्र पुरुष, राष्ट्र मार्गदर्शक, सच्चे देशभक्त ना जाने कितनी उपाधियों से पुकार जाता था भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को। हम यह कह सकते है कि वो सही मायने में भारत रत्न (Bharat Ratan) थे। देश के तीन बार प्रधानमंत्री (3 Times Prime Minister of India) रह चुके अटल बिहारी वाजपेयी को सांस्कृतिक समभाव, उदारवाद और तर्कसंगतता के लिए जाना जाता है। राष्ट्र के लिए अटल बिहारी वाजपेयी सदैव समर्पित रहे। अटल बिहारी वाजपेयी अपनी वाकपटुता के लिए भी जाने जाते थे। 


एक अखबार को दिए इंटरव्यू में अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद नजदीकी रहे लालकृष्ण आडवाणी ने एक मजेदार किस्सा बताया था। आडवाणी ने कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी जब पहली बार सांसद बने थे तो वह भाजपा नेता जगदीश प्रसाद माथुर के साथ चांदनी चौक में रहते थे। दोनों संसद पैदल ही आते जाते थे। लेकिन एक दिन अचानक अटल बिहारी वाजपेयी ने माथुर जी से कहा कि आज रिक्शा से चलते हैं। माथुर जी को थोड़ा आश्चर्य हुआ। लेकिन बाद में पता चला कि आज बतौर सांसद अटल बिहारी वाजपेयी को तनख्वाह मिली थी।


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