नयी दिल्ली। चुनाव आयोग ने 11 अप्रैल से 19 मई तक होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में भी विधानसभा चुनाव कराने का फैसला किया है। हालांकि इस दौरान जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कारणों से विधानसभा चुनाव नहीं होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुये बताया कि सातों चरण के मतदान के दौरान पहले चरण में 11 अप्रैल को आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और सिक्कम में लोकसभा सीटों के लिये होने वाले मतदान के साथ ही इन राज्यों की विधानसभा सीटों के लिये भी मतदान होगा। अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि जम्मू कश्मीर में लोकसभा सीटों के लिये पांच चरण में मतदान होगा।
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उन्होंने बताया कि ओडिशा में लोकसभा चुनाव के लिये चार चरण में होने वाले मतदान के दिन ही विधानसभा सीटों के लिये भी मतदान होगा। इसके तहत राज्य में 11, 18, 23 और 29 अप्रैल को लोकसभा सीटों के साथ ही विधानसभा सीटों के लिये भी मतदान होगा। इन राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिये मतगणना भी लोकसभा चुनाव की मतगणना के साथ 23 मई को होगी। अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव के साथ नहीं होंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग किये जाने के बाद मई से पहले राज्य में चुनाव कराना अनिवार्य है। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा संबंधी जटिल हालात को देखते हुये राज्य में फिलहाल लोकसभा सीटों पर ही चुनाव होगा।
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उन्होंने कहा कि आयोग ने जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने के लिये पर्याप्त मात्रा में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की उपलब्धता नहीं हो पाने के कारण राज्य में सिर्फ लोकसभा चुनाव कार्य्रकम ही घोषित करने का फैसला किया है। राज्य में सुरक्षा हालात की संवेदनशीलता का हवाला देते हुये अरोड़ा ने कहा कि अनंतनाग लोकसभा सीट पर तीन चरणों में मतदान कराया जायेगा। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा का छह साल का कार्यकाल 16 मार्च 2021 तक निर्धारित था, लेकिन पिछले साल राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूटने के कारण विधानसभा भंग कर दी गयी थी। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार जम्मू कश्मीर को छोड़कर अन्य सभी राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल पांच वर्ष होता है।