Prabhasakshi's Newsroom। तालिबान की एंट्री के बाद गनी का पहला वीडियो आया सामने । क्या PM के गुलाम हैं नीतीश ?

By अनुराग गुप्ता | Aug 19, 2021

अफगानिस्तान में सोवियत संघ की मदद से तख्तापलट हुआ और कम्युनिस्ट सरकार बनी फिर तालिबानी ताकतें मजबूत हुईं मुल्क में उनका कब्जा था लेकिन अमेरिका की एंट्री के साथ वहां पर सरकार बनी लेकिन एग्जिट के बाद वापस से तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा हो गया और मुल्क का नाम तक बदल दिया गया... इस दौरान अशरफ गनी कहां थे ? उन्होंने खुद इसके बारे में बताया है... वहीं भारतीय बाजारों में अफगान के घटनाक्रमों का असर भी दिखाई देने लगा है। ड्राई फ्रूट्स की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। अंत में बात होगी बिहार की। 

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तालिबान की एंट्री और गनी का एग्जिट

अफगानिस्तान पर एक बार फिर से तालिबान का कब्जा हो गया है। पहले सोवियत संघ की वापसी के बाद काबुल में तालिबानी ताकतें हावी हो गईं थीं और अब अमेरिका की वापसी के बाद... सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ ताकतों को मजबूती देने के लिए अमेरिका, पाकिस्तान, चीन, ईरान, साऊदी अरब जैसे मुल्कों ने मदद की थी लेकिन बाद में अमेरिका ने ही तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अफगानिस्तान में सरकार बनाने में मदद की।

पश्तो में तालिबान का मतलब छात्र होता है लेकिन अफगानिस्तान में कोई छात्र आंदोलन नहीं बल्कि कट्टरपंथी आंदोलन चल रहा है। इसी वजह से काबुल में तालिबान की एंट्री के साथ ही राष्ट्रपति अशरफ गनी फरार हो गए और अफगानी लोग अपना मुल्क छोड़ने के लिए विवश हो गए। हालांकि तालिबान ने आगामी सरकार में महिलाओं को शामिल करने की बात कही।

अशरफ गनी कहां हैं ? इस सवाल से भी पर्दा उठ गया। अशरफ गनी ने देर रात अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिससे यह पुष्टि हो गयी कि वह संयुक्त अरब अमीरात में हैं। उन्होंने अपने संदेश में अफगान सुरक्षाबलों का शुक्रिया अदा किया लेकिन साथ ही कहा कि शांति प्रक्रिया की नाकामी के कारण तालिबान ने सत्ता छीन ली। उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर ताजिकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत के उन आरोपों को भी खारिज करने की कोशिश की कि उन्होंने राजकोष से 16.9 करोड़ डॉलर चोरी किए। उन्होंने दावा किया कि उन्हें एक जोड़ी पारंपरिक कपड़ों और सैंडल में अफगानिस्तान छोड़ना पड़ा जो उन्होंने पहन रखे थे। 

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ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में भारी उछाल

अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात का असर अब हिन्दुस्तान में दिखाई दे रहा है। भारतीय बाजारों में ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में लगातार उछाल हो रहा है। त्यौहारी सीजन में काजू-बादाम की मांग बढ़ जाती है। आपको बता दें कि भारत में काजू, बादाम, पिस्ता समेत कई ड्राई फ्रूट्स को अफगानिस्तान से आयात किया जाता है। जम्मू ड्राई फ्रूट्स रिटेलर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष ज्योति गुप्ता ने कहा कि हम अफगानिस्तान से पिस्ता, बादाम, अंजीर, सूखे खुबानी आयात करते हैं। आयात गतिविधि पिछले 15 दिनों से बंद है।

क्या मोदी के गुलाम हैं नीतीश कुमार ?

बिहार की राजनीति गर्माती जा रही है। नीतीश सरकार को घेरने का विपक्ष कोई भी मौका नहीं छोड़ता है। बीते दिनों तो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे और राजद नेता तेजस्वी यादव ने तो नीतीश कुमार से एक सवाल पूछा। जिसकी वजह से बवाल मचने की संभवना जताई जा रही है। तेजस्वी यादव ने पूछा कि क्या नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुलाम हैं ? जाति आधारित जनगणना के विषय पर चर्चा के दौरान तेजस्वी यादव ने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हम जाति आधारित जनगणना के बारे में बात करने के लिए 4 अगस्त से प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री के पास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का समय नहीं है। नीतीश कुमार सहयोगी हैं या प्रधानमंत्री के गुलाम हैं ?

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