By अंकित सिंह | Apr 12, 2023
राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में ही सियासी सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। एक ओर जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खेमा है वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट हैं। वसुंधरा राजे की सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सचिन पायलट मंगलवार को उपवास पर बैठे थे। जानकारों ने इसे अशोक गहलोत पर सचिन पायलट का नया वार बताया। इसी को लेकर आज अशोक गहलोत से सवाल पूछा गया। अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के अनशन को हल्के में लिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारा लक्ष्य फिलहाल लोगों को महंगाई से राहत दिलाना है। इसके अलावा ध्यान ना कहीं है और ना ही कहीं जाता है। गहलोत के इस बयान से साफ तौर पर जाहिर हो रहा है कि वह सचिन पायलट के उपवास को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि 2018 में सत्ता में आने से पहले हमने लोगों को आश्वस्त किया था कि (हमारी सरकार आने पर) तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार के चार साल से अधिक के कार्यकाल के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई है। इसे गहलोत पर पायलट का सीधा हमला माना गया। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा दी गई चेतावनी से विचलित हुए बिना पायलट मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे थे।
इसके अलावा अशोक गहलोत ने संवाददाता समेलन में कहा कि हमने ओपीएस लागू करने का फैसला किया है। कई अर्थशास्त्री सरकार के खिलाफ लेख लिख रहे हैं। सामाजिक सुरक्षा पर विचार किया जाना चाहिए। यह भाजपा के खिलाफ नहीं बल्कि विचारधारा की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने के मिशन 2030 के तहत प्रदेश में महंगाई राहत शिविरों का रोडमैप तैयार कर लिया गया है। पहले चरण में 700 शिविर लगेंगे।