आज के समय में अधिकतर लोग अपनी डाइट से शुगर बाहर करने की कोशिश करते हैं। ऐसे में अपने टेस्ट बड का ख्याल रखने के लिए वह आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करते हैं। चूंकि मार्केट में मिलने वाले इन आर्टिफिशियल स्वीटनर का कैलोरी काउंट काफी कम होता है, इसलिए उन्हें यह एक हेल्दी ऑप्शन नजर आता है। लेकिन लगातार आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल सेहत के लिए हानिकारक होता है। कछ रिपोर्ट्स के अनुसार, आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने से आपको डायबिटीज होने तक का खतरा बढ़ जाता है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में-
आर्टिफिशियल स्वीटनर क्या है?
आर्टिफिशियल स्वीटनर के सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बात करने से पहले आपको इनके बारे में विस्तारपूर्वक जानना चाहिए। आमतौर पर, लोग इन्हें शुगर सब्सिट्यूट के रूप में इस्तेमाल करते हैं और यह एक तरह के सिंथेटिक शुगर है। इन्हें केमिकली प्रोड्यूस किया जाता है और इनमें स्वीटनेस सामान्य चीनी की अपेक्षा कई अधिक होती है। आज के समय में इन्हें सिर्फ केमिकल्स ही नहीं, बल्कि नेचुरल प्रोडक्ट्स की मदद से भी इन्हें तैयार किया जाता है।
सेहत पर इस तरह डालते हैं असर
यह सच है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर में कैलोरी काउंट कम होता है, लेकिन यह पूरी तरह से हेल्दी हैं। यह सच नहीं है। दरअसल, आर्टिफिशियल स्वीटनर में सैकरीन और सुक्रालोज़ पाया जाता है। यह आपको मिठास का अहसास करवाते हैं। लेकिन यह व्यस्क में ग्लूकोज टोलरेंस को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में लंबे समय तक इनका इस्तेमाल करना सेहत पर विपरीत असर डाल सकता है।
क्या हैं विकल्प
अगर आप अपने कैलोरी काउंट को भी कम करना चाहती हैं और शुगर को अपनी डाइट से दूर रखना चाहती हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप आर्टिफिशियल स्वीटनर के स्थान पर कछ हेल्दी ऑप्शन को चुनें। मसलन, आप अपनी रेग्युलर चीनी को शहद या गुड़ के साथ स्विच कर सकते हैं। वहीं, अगर इन दोनों में से किसी एक को चुनना हो तो आप शहद को प्राथमिकता दें। चूंकि, गुड़ को गन्ने के रस से तैयार किया जाता है, इसलिए यह हेल्दी होने के बावजूद भी शहद के मुकाबले बहुत अधिक अच्छा ऑप्शन नहीं है।
- मिताली जैन