By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 06, 2021
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता के अहंकार ने दिल्ली में बैठे शासकों को ‘अंधा और बहरा’ बना दिया है और उन्हें देश के लाखों किसानों की पीड़ा का भान नहीं है। केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में टप्पल की किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि आंदोलन के दौरान दो सौ से अधिक किसानों ने अपनी जान गंवाई है लेकिन मोदी सरकार अभी भी अपने किसानों के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है कि मानों वे देश की सीमाओं पर खड़े दुश्मन हों।
न्होंने कहा, ‘‘सरकार इस बात से बेखबर है कि इन विनम्र किसानों के पास सत्ता की कुर्सी से अहंकारी शासकों को हटाने की शक्ति है।’’ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने किसान समुदाय से आग्रह किया कि वे इतिहास की घटनाओं को देखें और जानें कि कैसे ब्रिटिश संसद ने एक एकल कानून के जरिये ईस्ट इंडिया कंपनी को अंधाधुंध शक्तियां दी जिसने भारत की संपत्ति को अपने लाभ के लिए लूटा और आज इतिहास खुद को दोहरा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कॉरपोरेट घरानों को सशक्त बना रही है। उन्होंने कहा कि किसान विरोधी कानूनों के बाद अब सरकार किसानों और आम लोगों के घावों पर नमक रगड़ रही है।
यादव ने चेतावनी दी कि सरकार किसानों को जितना अधिक अपमानित करेगी किसान उतना ही अधिक दृढ़संकल्पित हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय से जारी बयान के अनुसार यादव ने कहा है कि किसान आंदोलन को 100 दिन हो गए हैं और किसानों की घोषणा है कि यह ‘संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक तीन काले कृषि कानून वापस नहीं होते। उन्होंने आरोप लगाया, देश की अर्थव्यवस्था की हालत पतली है। भाजपा के लोग खेती नहीं करते हैं और किसान का धान 900 से 1100 सौ रूपये में लूट लिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार कई रूप में जनता को दिख रहा है, पुलिस और तहसील के भ्रष्टाचार से जनमानस त्रस्त है। कोरोना काल से उपजे आर्थिक संकट की मार से जनता की कमर टूट गई है। डीजल-पेट्रोल के दाम बेलगाम है। रसोई गैस की बढ़ी कीमतों ने लोगों का बजट खराब कर दिया है। नौजवानों के सामने रोजगार का संकट बना हुआ है। यादव ने कहा, भाजपा सरकार को यह जान लेना चाहिए कि किसानों का उत्पीड़न कर कोई सत्ता में नहीं टिक सकता। जनता परिवर्तन के लिए बस 2022 के विधानसभा चुनावों का इंतजार बेसब्री से कर रही है और सबकी निगाहें समाजवादी पार्टी पर लगी हैं।