By नीरज कुमार दुबे | Jun 25, 2024
29 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा में हिस्सा लेने के लिए देशभर से साधु संतों का आगमन जम्मू में होने लगा है। जम्मू के विभिन्न मंदिरों, धर्मशालाओं और स्थानीय प्रशासन द्वारा मुहैया कराये गये आश्रय स्थलों पर ठहरे इन साधु संतों को उम्मीद है कि इस बार की यात्रा निर्विघ्न संपन्न होगी।
जहां तक अमरनाथ यात्रा के दौरान किये जाने वाले सुरक्षा बंदोबस्तों की बात है तो हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 38 पर्वतीय बचाव टीमें तैनात की जाएंगी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इन दलों को उनकी विशिष्ट जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी दी और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया।
एक अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) विजय कुमार ने सोमवार को पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सीमा सुरक्षा बल और सीआरपीएफ की पर्वतीय बचाव टीमों (एमआरटी) के साथ एक व्यापक समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि एमआरटी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए दोनों मार्गों के महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात की जाएंगी। अधिकारी ने बताया कि इन दलों में पुलिस की 13, एसडीआरएफ की 11, एनडीआरएफ की आठ, बीएसएफ की चार और सीआरपीएफ की दो टीम शामिल हैं।
हम आपको बता दें कि अमरनाथ स्थित गुफा मंदिर में शिवलिंग के दर्शन के लिए 52 दिवसीय इस तीर्थयात्रा की शुरुआत 29 जून से होगी। 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में जाने के लिए यात्रा दो मार्गों से की जाती है। एक मार्ग अनंतनाग में 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक नुनवान-पहलगाम मार्ग है तो दूसरा गंदेरबल में 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग, जो भले ही छोटा है लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला है। पिछले साल 4.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर के अंदर बर्फ से निर्मित शिवलिंग के दर्शन किए थे।