By अभिनय आकाश | Sep 24, 2021
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की लड़ाकू क्षमताओं में इजाफे के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए 7,523 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय सेना की खातिर 118 मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन की खरीद को लेकर एक करार को अंतिम रूप दिया। मंत्रालय ने अर्जुन एमके-1ए टैंकों के लिए हेवी व्हीकल फैक्ट्री (एचवीएफ), अवडी, चेन्नई को यह ऑर्डर दिया है। यह एमबीटी एमके-1ए अर्जुन टैंक का नया संस्करण है, जिसमें 72 नयी विशेषताएं और एमके-1 संस्करण से अधिक स्वदेशी उपकरण हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस नए संस्करण में क्या अलग है और इसके आने से सामरिक और रणनीतिक रूप से भारतीय सेना में क्या प्रभाव पड़ेगा।
अर्जुन मार्क-1ए वेरिएंट में नया क्या है?
डीआरडीओ ने टैंक को डिजाइन किया है। ये आत्मनिर्भर भारत मेक इन इंडिया के तहत बनने वाला हथियार है जो देश के लिए बड़े गौरव की बात है। भारतीय सेना में अर्जुन टैंक का आधुनिक वर्जन जो और तेज, अत्याधिक विनाशकारी और वज्र की तरह प्रहार करेगा। खास बात ये है कि डीआरडीओ ने इसे आत्मनिर्भर भारत के तहत डिजाइन और विकसित किया है। शुरुआती संस्करण का परीक्षण 1990 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ था और टैंक को 2004 में शामिल किया गया था। इसके नए संस्करण अर्जुन मार्क 1 ए पर काम जून 2010 में शुरू हुआ था और टैंक को जून 2012 में भारतीय सेना द्वारा परीक्षण के लिए उतारा गया था। अगले तीन वर्षों के लिए डीआरडीओ और सेना दोनों द्वारा व्यापक परीक्षण मूल्यांकन किए गए। पहले वाले अर्जुन मार्क-1 वैरिएंट से मार्क-1 वैरिएंट में 72 नए फीचर्स जोड़े गए हैं, जिनमें 14 प्रमुख अतिरिक्त और 58 छोटे शामिल हैं।
नए वर्जन का रणनीतिक महत्व क्या है?
23 सितंबर को भारतीय थल सेना के लिए 7,523 करोड़ रुपये के 118 मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन एमके -1 ए की आपूर्ति के लिए हेवी व्हीकल फैक्ट्री, अवडी, चेन्नई को एक ऑर्डर दिया। यह खरीद पाकिस्तानी सेना द्वारा दो टैंकों - वीटी -4 और अल-खालिद टैंकों के नवीनतम अधिग्रहण के आलोक में महत्वपूर्ण है। चीनी मूल के इन दोनों टैंकों की तुलना रूसी मूल के टी-90 टैंकों से की जा सकती है, जिनका इस्तेमाल भारतीय सेना करती है। चीन ने इसे 1990 के टाइप 90-IIM टैंक से विकसित किया था। इसके मूल प्रोटोटाइप को चाइना नॉर्थ इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (नोरिन्को) एमबीटी-2000 नाम से बनाया था। एमबीटी अर्जुन मार्क-1ए रेगिस्तानी इलाकों के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है और नए परिवर्धन के कारण पहले के संस्करण की तुलना में अधिक प्रभावी और घातक है।
मेक-इन-इंडिया को बढ़ावा
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अर्जुन एमबीटी अद्यतन करते हुए इसे विकसित किया है। अर्जुन भारतीय सेना का मुख्य युद्धक टैंक है। मंत्रालय ने कहा कि एमके-1ए सटीक मारक क्षमता वाला टैंक है और सभी तरह के क्षेत्रों में गतिशीलता में सक्षम तथा उन्नत प्रौद्योगिकी प्रणालियों से लैस है। यह दिन और रात, दोनों स्थिति में दुश्मन से मुकाबला कर सकता है। इसने कहा कि हेवी व्हीकल्स फैक्ट्री को मिले इस आर्डर से ‘एमएसएमई’ सहित 200 से अधिक भारतीय कंपनियों के लिए रक्षा निर्माण में एक बड़ा अवसर खुलेगा और करीब 8,000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।