By अनुराग गुप्ता | Oct 18, 2021
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में इन दिनों आतंकवादी घटनाओं में अचानक से तेजी आई है। गैर-कश्मीरी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। पहले शनिवार को फिर रविवार को भी घाटी में आतंकवादियों द्वारा मासूम लोगों की हत्या किए जाने की खबरें सामने आईं। इसके अलावा पिछले 6 दिनों में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में भारतीय सेना के 9 जवान शहीद हो गए। जिसके बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस को आशंका है कि घाटी के जंगलों में मौजूद आतंकवादियों को पाकिस्तानी सेना के कमांडोज ने पहले प्रशिक्षण दिया और फिर भारत में घुसपैठ कराई है।
जंगलों में चल रहा तलाशी अभियान
आपको बता दें कि नियंत्रण रेखा के करीब पुंछ सेक्टर और राजौरी सेक्टर के जंगलों में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच कई बार मुठभेड़ की खबरें सामने आ चुकी हैं। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया। दोनों जिलों के जंगलों में सुरक्षाबलों का तलाशी अभियान आठवें दिन भी जारी है।पिछले सोमवार को एक जेसीओ समेत सेना के 5 जवान उस वक्त शहीद हो गए जब आतंकवादियों ने पुंछ के सुरनकोट के जंगल में सेना के एक गश्ती दल पर हमला कर दिया था। इसके अलावा गुरुवार की शाम मेंढर सेक्टर में एक अन्य मुठभेड़ में एक अन्य जेसीओ समेत 4 जवान शहीद हो गए थे।आतंकवादियों से 3 बार हुआ सामनाअधिकारियों ने बताया कि यह इलाका पर्वतीय है और जंगल काफी ज्यादा घना है जिससे तलाशी अभियान मुश्किल और बेहद खतरनाक हो गया है। अभी तक इलाके में छिपे आतंकवादियां से तीन बार सामना हो चुका है। पहली बार पुंछ के सुरनकोट में 11 अक्टूबर को और उसके बाद उसी दिन राजौरी जिले में थानामंडी के जंगल में मुठभेड़ हुई लेकिन दोनों ही मुठभेड़ों में आतंकवादी फरार हो गए। तीसरी मुठभेड़ गुरुवार की शाम पुंछ के मेंढर इलाके में नर खास जंगल में हुई।सुरक्षाबलों की घेराबंदी के बावजूद आतंकवादी मुठभेड़ के बीच में ही फरार हो गए। जिसके बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस को शक हुआ कि आतंकवादियों को पाकिस्तानी सेना के कमांडोज ने प्रशिक्षण दिया है और फिर उनकी भारत में घुसपैठ कराई है। इसीलिए आतंकवादी सुरक्षाबलों और आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं।
आपको बता दें कि आतंकवादी सुरक्षाबलों की घेराबंदी से बचने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं। जिस देखते हुए सेना ने पैरा कमांडो की भी तैनाती कर दी है। इसके अलावा हेलीकॉप्टर से निगरानी की जा रही है।