कोयला खनन संबंधी भूमि अधिग्रहण मामलों के लिए विशेष न्यायाधिकरण के गठन को मंजूरी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 05, 2024

नयी दिल्ली । सरकार ने कोयला खनन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों के त्वरित निपटान के लिए ओडिशा के तालचेर में एक पूर्णकालिक विशेष न्यायाधिकरण गठित करने का निर्णय लिया है। कोयला खनन के लिए जमीन का अधिग्रहण कई कारणों से कोयला कंपनियों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इसकी वजह से कोयला ब्लॉकों के संचालन में देरी का सामना करना पड़ता है। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की तीन अक्टूबर, 2024 को हुई बैठक में कोयला धारक क्षेत्र अधिनियम, 1957 के तहत ओडिशा के तालचेर में एक पूर्णकालिक विशेष न्यायाधिकरण के लिए पीठासीन अधिकारी का पद सृजित करने को मंजूरी दी। 


फिलहाल तालचेर में स्थित अंशकालिक न्यायाधिकरण भूमि अधिग्रहण और मुआवजे से संबंधित विवादों की बढ़ती संख्या को देखता है। लंबित मामलों की संख्या 31 मई तक 860 हो गई थी। मंत्रालय ने कहा कि लंबित मामलों के निपटान के लिए सरकार एक विशेष न्यायाधिकरण की स्थापना कर रही है, जो किसानों और भूमि मालिकों के लिए त्वरित समाधान और अधिक संतुष्टि सुनिश्चित करेगा। 


न्यायाधिकरण के पूर्णकालिक पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति से भूमि अधिग्रहण और मुआवजे से संबंधित विवादों के जल्द समाधान, प्रभावित भू-स्वामियों के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने और लंबे समय से लंबित मामलों को निपटाने में मदद मिलेगी। बयान के मुताबिक, यह न्यायाधिकरण भूमि से संबंधित विवादों को अधिक कुशलता से हल करके कोयला उत्पादन बढ़ाने में भी मददगार होगा। विशेष न्यायाधिकरण के पास एक दिवानी अदालत की शक्तियां होंगी जिससे वह गवाहों को बुला सकेगा, दस्तावेजों की जांच कर सकेगा और गवाहों की पड़ताल के लिए आदेश जारी कर सकेगा।

प्रमुख खबरें

Sports Recap 2024: जीता टी20 वर्ल्ड कप का खिताब, लेकिन झेलनी पड़ी इन टीमों से हार

यहां आने में 4 घंटे लगते हैं, लेकिन किसी प्रधानमंत्री को यहां आने में 4 दशक लग गए, कुवैत में प्रवासी भारतीयों से बोले पीएम मोदी

चुनाव नियमों में सरकार ने किया बदलाव, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के सार्वजनिक निरीक्षण पर प्रतिबंध

BSNL ने OTTplay के साथ की साझेदारी, अब मुफ्त में मिलेंगे 300 से ज्यादा टीवी चैनल्स