By रितिका कमठान | Jun 02, 2024
एप्पल का आईफोन भले ही काफी महंगा फोन माना जाता है लेकिन यह दुनिया की सबसे मशहूर फोन की लिस्ट में भी शुमार है। यही कारण है कि इसकी फेमस होने के कारण नकली आईफोन का मार्केट में बड़ा फैलाव है। नकली सामान की बात करें तो किसी डुप्लीकेट को बनाने में चीन को महारत हासिल है। चीन ने ऐसे ही डुप्लीकेट एप्पल आईफोन के जरिए पांच लोगों को बड़ा चूना लगाया है। एप्पल के लगभग 16000 फर्जी डिवाइस रिटर्न के जरिए कंपनी को वापस भेजे गए हैं। चीन की इस हरकत के कारण आईफोन बनाने वाली कंपनी को लगभग 1.23 करोड डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है।
जानकारी के मुताबिक एप्पल को फर्जी आईफोन, आईपैड और अन्य प्रोडक्ट रिटर्न किए गए हैं। इस संबंध में यूएस अटॉर्नी ऑफिस में एक कैसे भी दायर किया गया है। इसके अनुसार पांच चीनी की नागरिकों ने एप्पल की फर्जी आईफोन और आईपैड और अन्य प्रोडक्ट को वापस भेजा है। रिटर्न किए गए सभी फर्जी प्रोडक्ट की कीमत लगभग 1.23 करोड डॉलर है। कस्टमर का ख्याल रखने वाली कंपनियों के साथ धोखाधड़ी नहीं होनी चाहिए। धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एप्पल के साथ इस तरह हुआ फर्जीवाड़ा
जानकारी के मुताबिक लोगों को जो एप्पल के प्रोडक्ट या डिवाइस भेजे गए थे वो सभी असली डिवाइस की तरह ही दिखते है। इसमें असली प्रोडक्ट की तरह की पहचान नंबर भी दिए गए है। पहचान नंबर वाले प्रोडक्ट्स का ही अमेरिका की जनता द्वारा उपयोग किया जा रहा है। ये सभी प्रोडक्ट एप्पल की वारंटी, एप्पल केयर और एप्पल एक्सटेंडेट वारंटी के तहत शामिल है। हाालंकि ये सभी प्रोडक्ट नकली साबित हुए है, जिन्हें चीनियों ने रिटर्न कर दिया है। इस फर्जीवाड़े के कारण एप्पल कंपनी को परेशानी का सामना करना पड़ा है। वहीं जो यूजर्स असली प्रोडक्ट का उपयोग कर रहे हैं वो भी सकते में आ गए है।
कई वर्षों से हो रहा स्कैम
एप्पल के कर्मचारियों को ऐसे फर्जी प्रोडक्ट मिलने के बाद इन्हें या तो रिप्लेस करना पड़ता है। इसके अलावा उन्हें सुधारना पड़ सकता है। अटॉर्नी ऑफिस के मुताबिक फर्जीवाड़ा करने वाले काफी शातिर हैं, जिन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए पूरी व्यवस्था की हुई है। बेहद मजबूती और प्लानिंग के साथ ही एप्पल के साथ वर्षों से फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। पहली बार ये स्कैम वर् 2015 में शुरु हुआ था, जिससे कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा था। इस मामले में जो भी दोषी पाए जाते हैं उन्हें 20 वर्षों की जेल की सजा हो सकती है।