कश्मीर पर गलत बयानबाजी करके अज़रबैजान ने भारत के साथ दुश्मनी मोल ले ली है। अब भारत ने वह कदम उठाया है जिससे अज़रबैजान तिलमिला जाएगा। दरअसल, अज़रबैजान ने कश्मीर पर पाकिस्तान के समर्थन में भारत के खिलाफ बयानबाजी की थी। लेकिन उसे इसका अंजाम समझ में नहीं आया था। अब भारत ने बड़ा कदम उठाया है और आर्मेनिया को अपने प्रलय मिसाइल बचने के फैसले पर हामी भर दी है। दरअसल कुछ समय पहले आर्मेनिया ने भारत से पहले मिसाइल की मांग की थी। आर्मेनिया को अज़रबैजान से लगातार खतरा है जो इजरायल से मिले लोरा मिसाइलों के दम पर आर्मेनिया को चुनौती दे रहा है। आर्मेनिया को ऐसे हथियारों की जरूरत है जो अजरबैजान की मिसाइल पावर का जवाब दे सके और अब भारत ने आर्मेनिया की इस मांग को स्वीकार लिया जिससे अजरबैजान की सांसें अटक गई है।
LORA एक थिएटर अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी रेंज 400 किलोमीटर है और टर्मिनल मार्गदर्शन के लिए जीपीएस और टीवी के संयोजन का उपयोग करते समय 10 मीटर की सीईपी (सर्कुलर एरर प्रोबेबिलिटी) होती है। प्रलय एक मोबाइल कनस्तर-आधारित सतह से सतह पर मार करने वाली एसआरबीएम (छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल) है जिसकी मारक क्षमता 150-500 किमी है। इसे डीआरडीओ की बीएमडी प्रणाली की पृथ्वी एडी मिसाइल से विकसित किया गया था। मिसाइल जड़त्वीय मार्गदर्शन का उपयोग करके अपने लक्ष्य तक पहुंचती है। इसे पूरी उड़ान के दौरान नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रलय में टर्मिनल मार्गदर्शन के लिए एक रेडियो फ्रीक्वेंसी (डीएसएमएसी-डिजिटल दृश्य-मिलान क्षेत्र सहसंबंध) साधक की सुविधा है। यह मिसाइल स्वदेशी रूप से विकसित फ्यूज्ड सिलिका रडार डोम (रेडोम) से सुसज्जित है। प्रलय में टर्मिनल मार्गदर्शन के लिए एक रेडियो फ्रीक्वेंसी साधक की सुविधा है। इस मिसाइल में स्वदेशी रूप से विकसित फ्यूज्ड सिलिका रडार डोम लगा है।