By अंकित सिंह | Oct 07, 2023
देश में जातिगत जनगणना को लेकर राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है। विपक्षी दलों की ओर से जातिगत जनगणना कराने की मांग की जा रही है। बिहार में जातिगत जनगणना कराया भी जा चुका है। सोमवार को इसकी रिपोर्ट जारी की गई। जातिगत जनगणना को लेकर भाजपा विपक्षी दलों के निशाने पर है। वहीं, भाजपा शासित हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि जातिगत जनगणना देश को एकजुट करने के बजाय उसको अलग-अलग टुकड़ो में बांटने का एक उचित प्रयास है। 70 साल बाद हमें भारतीय होकर जीना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सब एक हैं, हम सब भारतीय हैं। जातिगत जनगणना की प्रमाणिकता क्या है?
भाजपा नेता ने आगे कहा कि इसका मतलब ये हुआ कि सरकार के हाथ में रजिस्टर आ गया कि जिसको चाहे उस जाति में डाल दे। क्या जनगणना में आने के बाद ही लोगों को लाभ मिलेगा? ये सब चुनावी खेल है पहले भी मंडल आयोग हुआ था। दूसरी ओर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि कई जगहों पर जातिगत जनगणना की मांग उठ रही है। ये काम मानवता के लिए हुआ है। सरकार के पास डाटा होना चाहिए। उसी हिसाब से योजनाएं बनाई जाएंगी। हम कई बार मांग कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में जातिगत जनगणना होनी चाहिए, यहां तो जनगणना भी नहीं हो रही है। आपको पता होना चाहिए कि आपकी आबादी कौन सी स्थिति में है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिहार की तर्ज पर चुनावी राज्य में जाति जनगणना कराने की घोषणा की। गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने रायपुर सत्र के दौरान इसी बारे में बात की थी और जाति जनगणना उसी आधार पर की जाएगी। गहलोत ने कहा कि जनगणना के नतीजों से सरकार को समाज के विभिन्न वर्गों के लिए नीति बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में जाति जनगणना की व्यवस्था बनाई थी और उसी के आधार पर हम यहां भी यह काम करेंगे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने शुक्रवार को कहा था कि अगर कांग्रेस छत्तीसगढ़ राज्य में फिर से सत्ता में आती है, तो बिहार की तरह ही राज्य में जाति जनगणना कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं घोषणा करती हूं कि अगर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में दोबारा सरकार बनाती है तो हम बिहार की तरह राज्य में भी जाति जनगणना कराएंगे।