By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 03, 2020
कांग्रेस नेता राहुल गांधी आजकल एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। इस सप्ताह उन्होंने हाथरस मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला और अब वह नये कृषि कानूनों के खिलाफ अब पंजाब और हरियाण में चार से छह अक्टूबर तक ट्रैक्टर रैलियां करेंगे। हाथरस जाने के दौरान राहुल गांधी की उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ धक्कामुक्की हो गयी जिससे वह यमुना एक्सप्रेस-वे पर गिर पड़े, इससे कांग्रेस को काफी बल मिला है और पार्टी की सभी प्रदेश इकाइयों ने पूरी एकजुटता के साथ मोदी और योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। यही नहीं सभी प्रदेशों में कांग्रेस के सभी धड़ों ने राहुल गांधी के साथ जो एकजुटता दिखाई है उससे आने वाले समय में राहुल गांधी का निर्विरोध रूप से अध्यक्ष चुना जाना तय है।
राहुल गांधी ने अपनी पार्टी का जिस तरह से समर्थन हासिल किया है वह कांग्रेस के उन नेताओं को निराश करने वाला भी है, जिन्होंने कुछ समय पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख कर उनसे अध्यक्ष का चुनाव कराने की माँग की थी। पत्र लिखने वालों ने उम्मीद जताई थी कि नया अध्यक्ष पार्टी को सक्रिय करेगा और आम आदमी के मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए सड़कों पर उतरेगा। आप देखिये कि किस प्रकार अभी तक ट्वीटर पर ही सरकार को घेरने वाले राहुल गांधी मोदी और योगी सरकार को घेरने के लिए सड़कों पर उतरे, कड़ी धूप में पैदल चले, पुलिस के साथ धक्कामुक्की भी सही। इस सबसे राहुल गांधी की छवि में सुधार हुआ और वह ना सिर्फ अपनी पार्टी के सर्वमान्य नेता के रूप में उभरे बल्कि विपक्षी दलों ने भी जिस एकजुटता के साथ राहुल गांधी का समर्थन किया, उससे भी यही प्रतीत हुआ कि भविष्य में वह गठबंधन का नेतृत्व भी संभाल सकते हैं।
गौरतलब है कि जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होना है जिसके लिए पार्टी राहुल गांधी को वापस जमीन पर उतार कर संघर्ष करवा रही है ताकि पूरी पार्टी उनको अध्यक्ष बनाने की माँग करे। देखिये प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम 'चाय पर समीक्षा' में राहुल गांधी के गिरने के मायने और हाथरस प्रकरण पर कांग्रेस की खास रणनीति से जुड़ी कुछ अहम जानकारी।