By अनुराग गुप्ता | Apr 07, 2022
कोलंबो। श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। इसी बीच स्थानीय लोगों ने गुरुवार को कोलंबो में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाले श्रीलंका के सत्तारूढ़ गठबंधन की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं और उस पर इस्तीफा देने का दबाव भी पड़ रहा है। हालांकि सरकार इस गंभीर आर्थिक संकट से देश को निकालने की कोशिशों में जुटी हुई है।
इसी बीच एक भारतीय व्यवसायी कोलंबो में भोजन बांट रहे हैं। आपको बता दें कि भारतीय व्यवसायी संजय बैद आर्थिक संकट के बीच कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत भोजन बांट कर परिवारों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य हमारे कर्मचारी और उनके गांवों से जुड़े 1500 परिवार हैं, इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, संजय बैद ने कहा कि यह लगभग 20 टन राशन है। खाद्य संकट है लेकिन उपलब्धता अभी भी है, इसे आम लोगों तक पहुंचाने के लिए बस थोड़ी सी मदद की जरूरत है। व्यावसायिक संस्थाओं के रूप में हम मदद के लिए आगे आ रहे हैं। भारत के समर्थन का भरोसा है जो श्रीलंका को तेजी से पुनर्जीवित करने में मदद करेगा। संजय बैद साल 1999 में श्रीलंका आए थे और अब मुश्किल में फंसे लोगों की मदद करने में जुटे हुए हैं।
श्रीलंका की मदद करता रहेगा भारत
भारत ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि श्रीलंका को उसकी आर्थिक स्थिति पटरी पर लाने में पड़ोस प्रथम नीति के तहत सहयोग देना जारी रखने को तैयार है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि एक पड़ोसी और करीबी मित्र के रूप में भारत श्रीलंका में उभरती आर्थिक स्थिति और अन्य घटनक्रमों पर करीबी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के लोगों के पेश आ रही कुछ आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए भारत ने पिछले तीन महीने में पड़ोसी देश को 2.5 अरब डालर की सहायता प्रदान की है। प्रवक्ता ने बताया कि इस ऋण सुविधा में खाद्यान्न एवं ईंधन शामिल है और मध्य मार्च तक श्रीलंका को 2,70,000 मिट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की गई।