By अनन्या मिश्रा | Jan 12, 2024
हिंदी सिनेमा के इतिहास में वैसे तो कई खलनायकों ने अपनी एक्टिंग से लाखों दर्शकों का दिल जीता। लेकिन हिंदी सिनेमा में खलनायक के तौर पर अमरीश पुरी ने ऐसी छाप छोड़ी कि वह अपने विलेन के किरादारों से लोगों के दिलों में अमर हो गए। अमरीश पुरी एक ऐसे अभिनेता थे, जो अपने हर किरदार में जान डाल देते थे और उनके खलनायक के किरदारों को भी दर्शकों का ढेर सारा प्यार मिलता था। आज ही के दिन यानी की 12 जनवरी को अमरीश पुरी की मृत्यु हो गई थी। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर अभिनेता अमरीश पुरी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म
बता दें कि 22 जून 1932 को अमरीश पुरी का जन्म हुआ था। फिल्मों में आने से पहले उन्होंने करीब 21 सालों तक बीमा निगम में क्लर्क के तौर पर सरकारी नौकरी की। इस बीच उनकी मुलाकात थिएटर डायरेक्टर इब्राहिम अल्काजी से हुई। अल्काजी ने अमरीश को थियेटर ज्वॉइन करने के लिए कहा। तो वहीं अमरीश पुरी के दिल में भी एक्टिंग की इच्छा कहीं दबी थी। कुछ समय बाद उन्होंने थिएटर के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी।
ऐसी मिली पहली फिल्म
थिएटर करने के दौरान ही उनकी मुलाकात सत्यदेव दुबे से हुई। जिसके बाद अमरीश पुरी को फिल्म 'रेशमा और शेरा' में कास्ट कर लिया गया। यह फिल्म साल 1971 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म को करने के बाद अमरीश पुरी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
फिल्मी कॅरियर
अपने 30 साल के फिल्मी कॅरियर में अमरीश पुरी ने करीब 350 फिल्मों में काम किया है। वहीं एक दौर ऐसा भी आया जब वह फिल्म इंडस्ट्री के सबसे महंगे विलेन हुआ करते थे। बताया जाता है कि अमरीश पुरी अपने किरदारों में इस कदर जान फूंकते थे कि डायरेक्टर-प्रोड्यूसर उनको मुंहमांगी फीस देने के लिए तैयार रहते थे। अमरीश पुरी अपने अनोखे अंदाज और दमदार आवाज के लिए जाने जाते थे। वह निगेटिव किरदारों को इतनी शिद्दत से निभाते थे कि लोगों की नजरों में उनकी छवि एक बुरे इंसान के तौर पर थी। लेकिन इससे उलट अपनी असल जिंदगी में वह बेहद हंसमुंख इंसान हुआ करते थे।
अपनी एक्टिंग से पीढ़ियों को किया प्रभावित
अपने 30 साल के फिल्मी करियर में अमरीश पुरी ने एक से बढ़कर एक भूमिका निभाई हैं। फिर चाहे मिस्टर इंडिया का मोगैंबो हो या नागिन में तांत्रिक, या कोयला या दामिनी निभाया। उनके द्वारा निभाए गए हर किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है। वहीं उस दौरान मिस्टर इंडिया के मोगैंबो से डरने की बजाय बच्चों को उनके किरदार से प्यार हो गया था और वह बच्चों के फेवरेट बन गए थे।
मौत
आखिरी समय में अमरीश पुरी को कैंसर हो गया था। वहीं एक दिन घर में गिर पड़ने के बाद उनको फौरन इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों की लाख कोशिशों के बाद 12 जनवरी 2005 को महज 72 साल की उम्र में ब्रेन हेमरेज के कारण अमरीश पुरी की मौत हो गई।