अमित शाह का कांग्रेस पर निशाना, बोले- परिवार के आधार पर पार्टी चलाने वाले भाजपा को लोकतंत्र की सीख नहीं दें

By अंकित सिंह | Mar 30, 2022

लोकसभा ने दिल्ली के तीन नगर निगमों के एकीकरण के प्रावधान वाले ‘दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022’ को मंजूरी दी है। हालांकि इस विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि परिवार के आधार पर पार्टी चलाने वाले और अपने दलों के भीतर चुनाव नहीं कराने वाले भाजपा को लोकतंत्र की सीख नहीं दें। इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि हम विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं की हत्या करके सत्ता हासिल नहीं करना चाहते, यह भाजपा की संस्कृति नहीं है। भाजपा के चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम सभी जगह चुनाव लड़ना चाहते हैं और अपनी विचारधारा, कार्यक्रमों, नेतृत्व की लोकप्रियता और सरकार के प्रदर्शन के आधार पर जीतना चाहते हैं। शाह ने कहा कि सभी दलों को अपने कार्यक्रमों, विचारधारा, नेतृत्व की लोकप्रियता के आधार पर चुनाव लड़ने का अधिकार है, यह लोकतंत्र की खूबसूरती है और इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं हो सकती। हम चुनाव से नहीं डरते। कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि मैं आपको बताऊंगा कि जब डर की आशंका हो तो क्या किया जाता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया था। इसके तुरंत बाद, एक पीएम, जिसे इस सदन में वोट देने का अधिकार नहीं था, ने देश में लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए और आपातकाल लगा दिया। यही डर है। 

 

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अमित शाह ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि हार के डर से चुनाव (एमसीडी चुनाव) टाले गए हैं, वे खुद डरे हुए हैं। अगर आपको जीत का इतना भरोसा है तो आप अभी चुनाव क्यों चाहते हैं? अगर आपने अच्छा काम किया है तो आप 6 महीने बाद भी जीतेंगे। लोकसभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2022 पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद-239AA 3B के अनुसार संसद को दिल्ली संघ राज्यक्षेत्र या इसके किसी भी भाग के बारे में उससे संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है। यहां अलग तरह से बात की जाती है। अरविंद केजरीवाल भी इसकी दुहाई देते हैं। ऐसा विधेयक मैं महाराष्ट्र में नहीं ला सकता, गुजरात या बंगाल में नहीं ला सकता, न केंद्र सरकार ला सकती है। अगर राज्य और संघ राज्य का अंतर नहीं पता तो ध्यान से संविधान पढ़ना चाहिए

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