देशभर में जिस तरह एनआरसी और सीएए को लेकर हिंसात्मक प्रदर्शन हुए और उसे लेकर पुलिस ने जो कार्रवाई की उसे लेकर काफी बहस चल रही हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुए प्रदर्शन को पुलिस ने जिस तरह कंट्रोल किया उसे लेकर लोगों में काफी नाराजगी थी। पुलिस की तरफ से की गई कार्रवाई पर भारत के गृह मंत्री अमित शाह का बयान सामने आया है। एक न्यूज़ चैनल के साथ इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि अगर सड़क पर हिंसा होगी तो उपद्रवियों को रोकने के लिए पुलिस गोली चलाएगी।
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क्या कहा गृह मंत्री अमित शाह ने?
अमित शाह से एंकर ने सवाल किया कि देश में हुए हिंसात्मक प्रदर्शन से क्या साबित होता है? क्या ये पुलिस का फेलियर था? इस सवाल के जवाब में अमिल शाह ने कहा कि जो लोग ऐसा पूछ रहे हैं मैं उनसे कहाना चाहूंगा कि वो एक दिन के लिए पुलिस की वर्दी को पहन लें और सारी जिम्मेदारी उठाए। देश में जो कुछ हुआ उसपर कोई ये क्यों नहीं पूछ रहा कि सड़कों पर प्रदर्शनकारियों ने बस क्यों जलाईं, गाड़ियों को क्यों फूंका, दुकाने क्यों तोड़ीं, आगजनी क्यों की। इन सब पर आखिर बात क्यों नहीं होती? सड़कों पर चलती बसों को रोक कर लोगों को उतार कर बसें जलाई गईं तो पुलिस गोली चलाएगी ही।
अमित शाह ने कहा कि जब दंगे भड़कते हैं तो पुलिस को टारगेट किया जाता है। पुलिस भी तो अपनी जान बचाएगी। हिंसा के समय पुलिस को अपनी भी और लोगों की जान बचानी होती है। पुलिस पर सवाल है तो कोई ये क्यों नहीं पूछ रहा कि गाड़ियों को क्यों जलाया?
कई राज्यों में हुई हिंसा में पीपुल्स फ़्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) पर लगे आरोप के बारे में उन्होंने कहा कि ये कोई राजनेता नहीं कह रहा है, ये राज्य पुलिस की रिपोर्ट है। पीएफ़आई पर प्रतिबंध लगाने के बारे में उन्होंने कहा कि देश का गृहमंत्री होने के नाते किसी पर बैन लगाने से पहले वे इस पर कुछ नहीं कहेंगे.
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हिंसा और पुलिस की कार्रवाई
एनआरसी और सीएए को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ दिल्ली में जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रदर्शन किया था। शांति पूर्ण प्रदर्शन ने अचानक हिंसा का रूप ले लिया और एनआरसी और सीएए के प्रदर्शनकारियों में से कुछ उपद्रवियों ने सड़क पर हिंसा फैला दी। रोड पर चल रही डीटीसी बसों को आग लगा दी थी और निजी वाहनों को भी जला दिया। सुरक्षा के लिए तैनात की गई दिल्ली पुलिस पर भी उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की। इस हिंसा को रोकने के लिए पुलिस जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के अंदर घुस गयी थी और लाठीचार्ज किया था। दिल्ली पुलिस के इस एक्शन को लेकर चारों तरफ से आलोचना की जा रही थी कि मासूम छात्रों पर पुलिस ने विश्वविद्यालय में घुसकर लाठीचार्ज क्यों किया। पुलिस ने इसकी सफाई में कहा कि उपद्रवियों को पकड़ने के लिए पुलिस को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के अंदर जाना पड़ा था।
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देशभर में एनआरसी और सीएए पर हिंसा
देशभर में एनआरसी और सीएए को लेकर जोरदार प्रदर्शन हुआ था। भारी संख्या में जनता सड़कों पर इस बिल के विरोध में उतरी थी। असम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कई जिलों सहित कई राज्यों में इस बिल को लेकर हिंसा भी फैलाई गई। सरकारी और निजी चीजों को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। दिल्ली, लखनऊ में तो लाखों की बसों, स्कूटी, कार और बाईकों को उपद्रवियों ने आग लगा दी।
यहां सुने अमित शाह का बयान