Amit shah in West UP: पश्चिमी यूपी में अमित शाह लगा रहे दम, भाजपा के पक्ष में कितना बन पाएगा सियासी माहौल?

By अंकित सिंह | Jan 28, 2022

उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है। पहले और दूसरे चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव होने है। सत्तारूढ़ भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पूरा दमखम लगा रही है। राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ-साथ प्रदेश का नेतृत्व भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का लगातार दौरा कर रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के लिए चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पूरी ताकत झोंक दी है। अमित शाह ने कैराना से लेकर मथुरा तक में डोर टू डोर कैंपेन करके वोटर्स को एक अलग संदेश देने की कोशिश की है। इतना ही नहीं, अमित शाह अपनी रणनीति की वजह से जाटों को भी भाजपा के पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल में ही दिल्ली में 253 जाट नेताओं और खाप पंचायतों के प्रमुखों से अमित शाह ने मुलाकात की थी। साथ ही साथ पार्टी की ओर से जयंत चौधरी को भी न्योता दिया गया था। आपको बता दें कि जयंत चौधरी फिलहाल अखिलेश यादव के साथ गठबंधन में है।

 

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राजनीतिक जानकारों की माने तो खुले मंच से भाजपा का जयंत चौधरी न्योता देना कहीं ना कहीं जाट वोटर्स में कंफ्यूजन पैदा करने की एक कोशिश है। अमित शाह के संदेश से जाटों में यह बात जरूर जाएगी कि भाजपा जयंत चौधरी के चौधराहट को स्वीकार करने के लिए तैयार है। किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आई नाराजगी को कम करने के लिए अमित शाह सहित भाजपा के कई बड़े नेता पूरा दमखम लगा रहे हैं। अमित शाह हाल में ही मथुरा गए थे वहां भी जाट बिरादरी के ज्यादा लोग हैं। जाटों की आबादी को देखते हुए ही जयंत चौधरी ने वहां से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। अपने संदेश में हिंदुत्व के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हुए अमित शाह कैराना पलायन का मुद्दा भी उठा रहे हैं और मथुरा के विकास की भी बात कर रहे हैं।

 

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अमित शाह ने कहीं ना कहीं राष्ट्रवाद का मुद्दा भी उत्तर प्रदेश चुनाव में बढ़-चढ़कर उठाया है और यह तक कह दिया कि विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री को ना देखें बल्कि राष्ट्र को चुनना है और इसीलिए भाजपा को वोट करें। भाजपा की ओर से मुजफ्फरनगर दंगा का मामला भी उठाया जा रहा है। जयंत चौधरी और अखिलेश यादव की एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस मुजफ्फरनगर में होने वाली है। ऐसे में अमित शाह ने अपने मुजफ्फरनगर दौरे को 1 दिन के लिए टाल दिया है। अब अमित शाह जब मुजफ्फरनगर जाएंगे तो अखिलेश यादव के प्रेस कॉन्फ्रेंस का जवाब जरूर देंगे। कुल मिलाकर देखें तो भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शुरुआती बढ़त हासिल करने की कोशिश कर रही है जैसा कि उसे 2017 के चुनाव में हासिल हुआ था। देखना दिलचस्प होगा कि आखिर भाजपा की यह मेहनत कितनी रंग लाती है।

 

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