By अंकित सिंह | Apr 24, 2024
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की टिप्पणी पर पलटवार किया है। साथ ही साथ कांग्रेस पर निशाना साधा है। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सैम पित्रोदा के बयान के बाद पूरी तरह बेनकाब हो गई है। सबसे पहले घोषणापत्र, फिर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पुराना बयान कि 'हम देश के संसाधन पर सबसे पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का मानते हैं' और अब इनके घोषणापत्र बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले सैम पित्रोदा का बयान कि संपत्ति के बंटवारे पर विचार होना चाहिए।
शाह ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने यह मुद्दा उठाया तो राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूरी कांग्रेस बैकफूट पर आ गई है कि उनका यह मकसद नहीं है। लेकिन सैम पित्रोदा के बयान ने इनका मकसद स्पष्ट कर दिया है कि वे देश की जनता की संपत्ति का सर्वे कर उनकी निजी संपत्ति को सरकारी खजाने में डालकर UPA के शासनकाल में उन्होंने जो प्राथमिकता तय की थी कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों और उसमें भी मुसलमानों का है, उनमें बांटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कांग्रेस पार्टी या तो अपने घोषणापत्र से इस बात को हटाए या स्वीकारें कि यही उनका मकसद है। मैं देश की जनता से भी अपील करता हूं कि वे इनके महत्वपूर्ण नीति निर्धारण करने वाली टीम के मुखिया सैम पित्रोदा के बयान को गंभीरता से लें।
सैम पित्रोदा की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "...यह माओवादी मानसिकता है... देश में यह मनःस्थिति नहीं चलेगी... कांग्रेस पार्टी यह कैसी बात कर रही है...।" उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "कांग्रेस गरीब विरोधी पार्टी है, पिछड़ा विरोधी पार्टी है, आदिवासी विरोधी पार्टी है, महिला विरोधी पार्टी है। इस पार्टी के असली चरित्र को प्रधानमंत्री मोदी ने उजागर कर दिया है। इससे कांग्रेस बौखला गई है। पहले इनकी स्थिति 40 सांसद जीतने की भी नहीं थे, इन्होंने उससे भी नीचे आने का रास्ता स्वयं बनाने का काम किया है...80 % लोग प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में आ रहे हैं, 20% में सपा-बसपा-कांग्रेस है।"
पित्रोदा ने देश में संपत्ति के पुनर्वितरण की कांग्रेस की कथित योजना का समर्थन करने के लिए अमेरिका के विरासत कर प्रावधानों का हवाला दिया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में एक विरासत कर है जिसके अनुसार सरकार किसी व्यक्ति की संपत्ति में 55 प्रतिशत हिस्सेदारी का दावा करने की हकदार है जबकि मालिक केवल 45 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने बच्चों या परिवार को हस्तांतरित कर सकता है।
वीडियो में सैम पित्रोदा को यह कहते हुए सुना गया ...अमेरिका में, एक विरासत कर है। यदि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 प्रतिशत अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55 प्रतिशत सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है। यह एक दिलचस्प कानून है यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगता है, भारत में आपके पास वह नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता... तो ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लोगों को बहस और चर्चा करनी होगी। उन्होंने आगे कहा "मुझे नहीं पता कि दिन के अंत में निष्कर्ष क्या होगा लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण के बारे में बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं न कि सुपर-के हित में।